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दिवाली पर चीन में बनी मूर्तियों पर विश्वास नहीं दिखा रहे लोग, कारोबार में आई 70 फीसदी गिरावट

इस बार लोगों को दिवाली पर देश में बनी मूर्तियां ज्यादा पसंद आ रही हैं। इस बार लोग चीन से बनी लाइट और खरीद नहीं रहे हैं।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Fri, 25 Oct 2019 11:04 AM (IST)Updated: Fri, 25 Oct 2019 11:04 AM (IST)
दिवाली पर चीन में बनी मूर्तियों पर विश्वास नहीं दिखा रहे लोग, कारोबार में आई 70 फीसदी गिरावट
दिवाली पर चीन में बनी मूर्तियों पर विश्वास नहीं दिखा रहे लोग, कारोबार में आई 70 फीसदी गिरावट

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दीपों के त्योहार दिवाली पर इस बार देश में बनी मूर्तियों की बिक्री में बड़ा उछाल आया है। चीन से आयात होने वाली मूर्तियों में 70 फीसद की गिरावट आई है। व्यापारियों का कहना है कि ऐसा इसलिए हुआ है, क्योंकि लोग चीनी दिखावटी और सस्ते सामान के बजाय पारंपरिक और देश में बने सामान पर विश्वास जताने लगे हैं। वे दिवाली पर पूजा और उपहार के लिए चीन में निर्मित लक्ष्मी-गणेश, भोले शंकर और मां सरस्वती की मूर्तियों को खरीदने से बच रहे हैं। इसी वजह से व्यापारियों ने इस बार चीन से इन वस्तुओं का आयात 80 से 10 फीसद कर दिया है। पिछले पांच से छह वर्षो में यह 70-80 फीसद होता था।

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 पर्यावरण को लेकर जागरूक हो रहे लोग

कंफेडेरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल का कहना है कि लोग पर्यावरण को लेकर जागरूक हो रहे हैं। वे अब त्योहारों में भी पर्यावरण अनुकूल वस्तुओं की खरीदारी को तरजीह दे रहे हैं। इसलिए व्यापारियों ने देश में बनी मूर्तियों को बिक्री के लिए चुना है। चीन से वस्तुओं को आयात कम करने की वजह से इस बार बुराड़ी, पंखा रोड और गाजीपुर व मेरठ की इकाइयों से सामान खरीदा गया। बाजार में स्वदेशी उत्पादों की बिक्री हो रही है।

दिल्ली व्यापार महासंघ के अध्यक्ष देवराज बवेजा ने कहा कि चीन तकनीक का उपयोग कर सस्ता सामान भारत के बाजारों में बिक्री के लिए भेजता था, लेकिन पिछले कुछ वर्षो में यहां के उत्पादक भी चीन की तकनीक पर काम कर रहे हैं। अब ज्यादातर उत्पाद भारत में ही तैयार किए जा रहे हैं और वे बाजार में उपलब्ध हैं। पिछले कुछ वर्षो से चीन निर्मित उत्पादों की बिक्री भी कम हो रही थी। इसलिए भारत के व्यापारी भी वहां से दिवाली से जुड़ी मूर्तियों व अन्य सामान का आयात कम कर रहे हैं।


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