आजादी के 70 साल: दोनों मुल्कों के ये किस्से आपकी आंखों को जरूर कर देंगे नम
भारत और पाकिस्तान 1947 के बाद से आज तक तीन युद्ध लड़े चुके हैं।
कराची/नई दिल्ली, रॉयटर। भारत और पाकिस्तान दोनों देश अगले हफ्ते अंग्रेजों से आजाद होने के बाद अपना 70वां स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाने की तैयारी में जुटे हैं। परमाणु हथियार वाले पड़ोसी देशों के बीच हजारों परिवारों को एक सीमा से दूसरी सीमा में विभाजित कर दिया गया था। तब से लेकर दोनों देशों के संबंध ज्यादा मधुर नहीं रहे हैं।
भारत और पाकिस्तान 1947 के बाद से आज तक तीन युद्ध लड़े चुके हैं। दोनों देशों के संबंध भी काफी तनावपूर्ण हैं, खासकर जब बात कश्मीर की आती है, तो ये संबंध अधिक खराब हो जाते है। विभाजन के बाद पाकिस्तान से आए कुछ लोग नई दिल्ली में रहते हैं और इनके पड़ोस में रह रहे आसिफ फैहमी बताते हैं, "जो लोग पाकिस्तान चले गए हैं, वे भारत में नहीं आ सकते हैं, न ही हम वहां जा सकते हैं। हम उन लोगों से स्वतंत्र रूप से नहीं मिल सकते हैं।'
1947 में, ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से आजाद होने के बाद धर्म के आधार हिंदू और मुस्लिमों के लिए दो अलग-अलग देशों के निर्माण का आदेश दिए जाने वाले फैहमी का परिवार उन लाखों लोगों में शामिल था, जिसका इस आदेश के कारण प्रभाव पड़ा था।
विभाजन के दौरान फैली हिंसा में कई मुस्लिम, हिंदू और सिख परिवारों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। 14 अगस्त 1947 को विभाजन के बाद पंजाब प्रांत के अमृतसर और लाहौर में शवों से भरी ट्रेनें रेलवे स्टेशन पर आईं थी।
75 वर्षीय रेहाना हाशमी बताती हैं, "मैं समझ नहीं पा रही थी कि विभाजन क्या था, क्योंकि मैं उस समय काफी छोटी थी। 1960 में मेरा परिवार भारत से पाकिस्तान के दक्षिणी शहर कराची में चला गया था। मेरे भाई ने मुझे बताया कि भारत और पाकिस्तान अब अलग मुल्क बन चुके हैं। मैं पाकिस्तान से भारत के लिए गई, तब तक उसके पिता भारतीय रेलवे की नौकरी से सेवानिवृत्त हो चुके थे, वे यहां अपने कई करीबी रिश्तेदारों को पीछे छोड़ गए, लेकिन वे हमेशा संपर्क में रहते थे।
26 साल के लंबे विवाह के बाद हाशमी के पति, खुर्शीद का 1990 में मृत्यु हो गई। उस वक्त उनके चचेरे भाई आसिफ फैहमी ने अंतिम संस्कार में भाग लेने के लिए एक पाकिस्तानी वीजा की मांग की थी। फैहमी बताती हैं, 'मैं पाकिस्तान दूतावास में कुछ लोगों को जानती थी, मुझे आखिरकार वीजा मिला, लेकिन जब मैं वहां पहुंची, तो पहले से सब खत्म हो चुका था। इसलिए, जब मैं वहां होते हुए भी, वहां नहीं थी।'
2008 में भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई पर हुए आतंकी हमले, 2001 में भारतीय संसद पर हुए अटैक, बम-विस्फोट और गोलीबारी के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में कड़वाहट पैदा कर दी है। भारत ने पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी समूहों पर आरोप लगाया है।
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