थानों से हताश सिपाही न्याय पाने पहुंचा राज ठाकरे के पास
न्याय के लिए थानों का चक्कर लगा-लगाकर थक चुके एक कांस्टेबल ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे का दरवाजा खटखटाया है। वह शिव सेना के उस नेता के खिलाफ कार्रवाई चाहता है जो उसकी पत्नी का यौन उत्पीड़न कर रहा है। ठाकरे ने उसके मामले की निजी तौर पर सुनवाई की उसकी मांग स्वीकार कर
अकेला, मुंबई। न्याय के लिए थानों का चक्कर लगा-लगाकर थक चुके एक कांस्टेबल ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे का दरवाजा खटखटाया है। वह शिव सेना के उस नेता के खिलाफ कार्रवाई चाहता है जो उसकी पत्नी का यौन उत्पीड़न कर रहा है। ठाकरे ने उसके मामले की निजी तौर पर सुनवाई की उसकी मांग स्वीकार कर ली है।
पीड़ित कांस्टेबल लोकल आर्म्स यूनिट (एलएयू) से जुड़ा है। वह शिव सेना के नेता शशिकांत सावंत के खिलाफ न्याय चाहता है। उसका कहना है कि पुलिस और वरिष्ठ आइपीएस अधिकारियों के पास कई बार शिकायत करने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उसके पास मनसे प्रमुख के पास आने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा था। मनसे के विधि प्रकोष्ठ के सचिव अमित नालावाडे ने इस खबर की पुष्टि की है।
थानों में दर्ज शिकायत के अनुसार, दो साल पहले शिव सेना के विभाग प्रमुख शशिकांत सावंत ने उसकी पत्नी उषा (बदला हुआ नाम) को देखा और उसे शाखा कार्यालय आने के लिए कहा। जैसे ही वह वहां पहुंची उसने उसे अनैतिक प्रस्ताव दिया जिसे उषा ने ठुकरा दिया। उसके बाद सावंत ने कहीं से उसका मोबाइल नंबर पा लिया और उसे देर रात फोन करने लगा। जब वह बेटे को लाने स्कूल जाती तो वह उसका पीछा करता था। उसने उसके कांस्टेबल पति की सड़क दुर्घटना दिखा कर हत्या करने की धमकी भी दी। जब इस घटना की जानकारी उसने अपने पति को दी तो वह सावंत से मिला। तब सावंत ने उषा को और तंग नहीं करने की कसम खाई। उषा के अनुसार, सावंत उसका दो बार अपहरण करने की कोशिश भी कर चुका है।
अब तक वह एंटॉप हिल, मानखुर्द, वडाला टीटी, सियॉन एवं मतुंगा थाने में शिकायत दर्ज करा चुकी है। दो बार सावंत की गिरफ्तारी भी हुई लेकिन उसी दिन रिहा हो गया।
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