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असहाय जिंदगी का भविष्य संवार रहे हैं हजारों दिव्यांग रेलकर्मी

दिव्यांगता से मायूस और खुद को असहाय समझ जिंदगी से हताश हो चुके जिले के 24 युवक- युवतियों के चेहरे पर अब मुस्कान आने लगी है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Thu, 26 Apr 2018 11:21 AM (IST)Updated: Thu, 26 Apr 2018 11:53 AM (IST)
असहाय जिंदगी का भविष्य संवार रहे हैं हजारों दिव्यांग रेलकर्मी
असहाय जिंदगी का भविष्य संवार रहे हैं हजारों दिव्यांग रेलकर्मी

बिलासपुर [शिव सोनी]। दिव्यांगता से मायूस और खुद को असहाय समझ जिंदगी से हताश हो चुके जिले के 24 युवक- युवतियों के चेहरे पर अब मुस्कान आने लगी है। साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे दिव्यांग एम्प्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन ने उन्हें यह खुशियां दीं। उन्हें जीने की राह दिखाई और आइएएस व रेल अफसर बनने के सपने को साकार करने का बीड़ा भी उठाया। एसोसिएशन की मदद से बिलासपुर, छत्तीसगढ़ के अनेक दिव्यांग युवक- युवती प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। बड़ी बात यह कि एक हजार सदस्यों के इस एसोसिएशन के सभी पदाधिकारी व सदस्य भी दिव्यांग हैं।

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यह एसोसिएशन फरवरी 2017 को अस्तित्व में आया। इसके गठन का उद्देश्य जरूरतमंद दिव्यांगों की मदद करना है। रेलवे में कार्यालय अधीक्षक के पद पर पदस्थ इंद्रेश कुमार भी खुद दिव्यांग हैं, जिन्होंने इस एसोसिएशन का गठन किया। इसमें उन्हें दूसरों का समर्थन मिला और एक के बाद एक सदस्य जुड़ते गए। इंद्रेश के नेतृत्व में यह एसोसिएशन अब शहर के दिव्यांग युवक-युवतियों को हर तरह का सहयोग प्रदान करने का काम कर रहा है।

इनके द्वारा जरूरतमंद दिव्यांग युवक-युवतियों को स्वरोजगार के साधन मुहैया कराए जाते हैं। वहीं, शिक्षित दिव्यांग युवक-युवतियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए निशुल्क कोचिंग मुहैया कराई जा रही है। 24 दिव्यांग युवक-युवतियां आइएएस, पीएससी सहित रेल, बैंक आदि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे

हुए हैं। इन्हें पुस्तकों सहित अन्य जरूरी संसाधन एसोसिएशन उपलब्ध करा रहा है। इन सभी की माली हालत बेहद खराब है। माता- पिता मजदूरी कर किसी तरह दो वक्त की रोटी की व्यवस्था कर पाते हैं।

बचपन में ही पढ़ाई छूट गई लेकिन दृढ़ इच्छा के कारण घर की आर्थिक स्थिति आड़े नहीं आई। जैसे- तैसे पढ़ाई पूरी की। कुछ युवक-युवतियों को एसोसिएशन की मदद से रायपुर स्थित एम्स अस्पताल में नौकरी मिली है। कोई कम्प्यूटर ऑपरेटर है तो कोई लिफ्ट ऑपरेटिंग का काम कर रहा हैं।

जिन परिस्थितियों में हमने संघर्ष किया, वह बेहद कठिन थीं। उसी समय मन में ठान लिया था कि चाहे कुछ हो जाए इन स्थितियों से जूझने वालों की मदद करेंगे। उन्हें कभी निराश नहीं होने देंगे।

-इंद्रेश कुमार, अध्यक्ष, साउथ ईस्ट

सेंटल रेलवे दिव्यांग एम्प्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन, बिलासपुर 


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