Move to Jagran APP

IIMC के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा- छत्तीसगढ़ का बस्तर हमेशा कहानियों का द्वीप रहा है

IIMC के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ का बस्तर हमेशा कहानियों का द्वीप रहा है। लेखक एवं आईटीबीपी के डिप्टी कमान्डेंट कमलेश कमल की बेस्टसेलर किताब ऑपरेशन बस्तर के दूसरे संस्करण के ऑनलाइन लोकार्पण समारोह में यह बात रखी।

By Pooja SinghEdited By: Published: Mon, 05 Oct 2020 02:22 PM (IST)Updated: Mon, 05 Oct 2020 02:22 PM (IST)
IIMC के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा- छत्तीसगढ़ का बस्तर हमेशा कहानियों का द्वीप रहा है
छत्तीसगढ़ का बस्तर हमेशा कहानियों का द्वीप रहा है।

नई दिल्ली, जेएनएन। ''बस्तर हमेशा कहानियों का द्वीप रहा है। यहां के लोक जीवन के किस्से पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं।'' यह विचार भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने लेखक एवं आईटीबीपी के डिप्टी कमान्डेंट कमलेश कमल की बेस्टसेलर किताब 'ऑपरेशन बस्तर' के दूसरे संस्करण के ऑनलाइन लोकार्पण समारोह में व्यक्त किए।  

loksabha election banner

कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष श्री धरमलाल कौशिक मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। लेखक एवं पत्रकार पंकज झा ने मुख्य वक्ता के तौर पर अपने विचार व्यक्त किये। समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्रो. द्विवेदी ने कहा कि भारत कथाओं का देश है और  कहानियां हमारे लोकजीवन का आईना हैं। उन्होंने कहा कि जिसका मन लोक में रमता है, वही लोकजीवन की कहानियां सुना सकता है। 'ऑपरेशन बस्तर' के लेखक कमलेश कमल ने बस्तर के दर्द को अपनी लेखनी के माध्यम से इस किताब में उकेरा है।   

प्रो. द्विवेदी ने कहा कि साहित्य हमारे समाज का दर्पण है। साहित्य सुविचारित और संवेदनाओं के साथ लिखा जाता है और संवेदनशील मनुष्य ही अच्छा साहित्यकार हो सकता है। उन्होंने कहा कि साहित्य ही किसी इंसान को मनुष्य बनाता है।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री धरमलाल कौशिक ने कहा कि लेखक कमलेश कमल ने बस्तर में अपने सेवाकाल के दौरान अपने अनुभवों को किताब की शक्ल दी है, जिसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। विषम परिस्थतियों में रह कर लेखन को जीवन का हिस्सा बनाना एक कठिन कार्य है, लेकिन ये कार्य उन्होंने किया है। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता पंकज झा ने कहा कि मौन और मुखरता के बीच रचनाधर्मिता के लिये जुटना एक साहसिक कार्य है। जिस तरह लेखक कमलेश कमल ने बस्तर की सजीव कहानी को 'ऑपरेशन बस्तर' के माध्यम से प्रस्तुत किया है, वह विस्मित करता है। 

कार्यक्रम का संचालन युवा आलोचक पीयूष द्विवेदी ने किया। लेखक कमलेश कमल ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए पाठकों के प्रति विशेष आभार प्रकट किया, जिन्होंने इस किताब को बेस्टसेलर बनाया। कार्यक्रम के अंत में पुस्तक के प्रकाशक यश पब्लिकेशंस के निदेशक जतिन भारद्वाज ने आयोजन की सफलता पर सभी के प्रति आभार प्रकट किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.