BSF के डीजी बोले- ममता सरकार अपना रही नरम रुख, पश्चिम बंगाल आ रहे रोहिंग्या घुसपैठिये
बीएसएफ महानिदेशक केके शर्मा ने कहा कि भारत में रोहिंग्याओं का बड़े पैमाने पर प्रवेश नहीं हुआ है। जो भी रोहिंग्या हैं, वे पहले से हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बीएसएफ महानिदेशक केके शर्मा ने कहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार के नरम रुख के कारण रोहिंग्या घुसपैठिये वहां का रुख कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि बांग्लादेश की सीमा से रोहिंग्या की घुसपैठ को रोक दिया गया है।
दूसरे राज्यों में कड़ाई के बाद रोहिंग्या वहां से पश्चिम बंगाल की ओर जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने 70 रोहिंग्या परिवारों को विशेष शिविरों में रखा है। उन्होंने नोटबंदी के बाद नकली नोटों की तस्करी में भारी कमी का भी दावा किया।
भारत और बांग्लादेश के बीच 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा की चौकसी का जिम्मा संभालने वाले बीएसएफ महानिदेशक ने कहा कि बांग्लादेश में बड़ी संख्या में रोहिंग्या शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं। समय-समय पर उनमें से कुछ रोहिंग्या भारत में घुसने का प्रयास भी करते है।
उन्होंने दावा किया कि हमने उन्हें घुसपैठ में सफल नहीं होने दिया। उन्होंने कहा कि भारत में रोहिंग्याओं का बड़े पैमाने पर प्रवेश नहीं हुआ है। जो भी रोहिंग्या हैं, वे पहले से हैं।
नकली नोटों की तस्करी रोकने में सफल
केके शर्मा के अनुसार, नोटबंदी नकली नोटों की तस्करी रोकने में काफी हद तक सफल रही है। इस साल बीएसएफ ने केवल 11 लाख रुपये का नकली नोट तस्करों से बरामद किया है। इसके पहले यह करोड़ों में होता था। जो भी नकली नोट तस्करी कर भारत लाए भी जा रहे हैं, उनकी गुणवत्ता बहुत ही घटिया है और उन्हें आसानी से पहचान लिया जाता है। इसके पहले पकड़े जाने वाले नकली नोट प्रतिबंधित कर दिए गए भारतीय नोटों की हूबहू कॉपी होते थे। उन्हें आसानी से पहचान पाना मुश्किल होता था।
पाकिस्तान सीमा पर स्मार्ट फेंसिंग
केके शर्मा ने कहा कि भारत अब पाकिस्तान सीमा पर घुसपैठ पर पूरी तरह नियंत्रण के लिए स्मार्ट फेंसिंग लगाने जा रहा है। 17 सितंबर को गृह मंत्री राजनाथ सिंह इसके पायलट प्रोजेक्ट का औपचारिक उद्घाटन कर सकते हैं। वैसे जम्मू क्षेत्र में यह पायलट प्रोजेक्ट सफलता से काम कर रहा है। स्मार्ट फेंसिंग में लेजर किरणों का प्रयोग किया जा रहा है। इससे घुसपैठ की स्थिति में सुरक्षा बल सतर्क हो जाते हैं। पाकिस्तान सीमा पर बहुत से दुर्गम इलाकों में सामान्य फेंसिंग संभव नहीं होने के कारण स्मार्ट फेंसिंग का फैसला किया गया।