राजनयिक विवाद गहराया, पाक बुलाये गये उच्चायुक्त को अभी नहीं भेजेगा भारत
पाकिस्तान ने अगले हफ्ते नई दिल्ली में होने वाली विश्व व्यापार संगठन (डब्लूटीओ) की मंत्रिस्तरीय बैठक में भी हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पहले चोरी और उसके बाद सीनाजोरी। राजनयिकों के उत्पीड़न को लेकर पाकिस्तान कूटनीति कुछ इसी तर्ज पर आगे बढ़ रही है। पहले इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के कर्मचारियों को जम कर परेशान किया गया और अब उल्टा दुनिया के सामने यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि नई दिल्ली में उसके उच्चायोग के कर्मचारी सुरक्षित नहीं है। ऐसे में दोनों देशों के बीच राजनयिकों को लेकर जारी विवाद के फिलहाल खत्म होने के आसार नहीं आ रहे हैं।
इस मुद्दे पर आने वाले दिनों में तकरार और बढ़ने के आसार हैं, क्योंकि पाकिस्तान ने नई दिल्ली से अपने उच्चायुक्त सोहेल महमूद को बुलाने के बाद अब कहा है कि जब तक हालात सुधरते नहीं है, तब तक वहां उच्चायुक्त वापस नहीं भेजे जाएंगे। यह वर्ष 2002 के बाद पहला मौका है, जब पाकिस्तान सरकार ने नई दिल्ली से अपने उच्चायुक्त को वापस बुलाया है।
पाकिस्तान के इस नये रवैये पर भारत ने आधिकारिक तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन विदेश मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि वह मामले को बेवजह ही तूल देने की कोशिश कर रहा है। भारतीय अधिकारियों को कहना है कि पाकिस्तान सरकार जानबूझ कर इस मामले को स्थानीय व अंतरराष्ट्रीय मीडिया में ज्यादा उछालने में लगी है। पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के अधिकारी संभवत: यह समझ रहे हैं ऐसा करके वे तनाव भरे रिश्तों का ठीकरा भारत के माथे डाल सकेंगे। भारत पहले ही कह चुका है कि राजनयिकों को लेकर जो भी समस्या है, वो आपस में बातचीत करके सुलझाया जा सकता है। दो दिन पहले भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने इस बारे में टिप्पणी करने से भी मना कर दिया था।
उधर, पाकिस्तान ने अगले हफ्ते नई दिल्ली में होने वाली विश्व व्यापार संगठन (डब्लूटीओ) की मंत्रिस्तरीय बैठक में भी हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है। 19-20 मार्च, 2018 को यह बैठक होने वाली है, जिसमें हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्री परवेज मलिक को भी आमंत्रित किया गया था। पाकिस्तान से आ रही सूचनाओं के मुताबिक, वहां की सरकार ने नई दिल्ली में अपने राजनयिकों के उत्पीड़न के मुद्दे को आधार बनाते हुए इस बैठक में हिस्सा लेने से मना कर दिया है। सनद रहे कि पाकिस्तान सरकार ने पिछले दिनों उत्पीड़न के आधार पर ही अपने उच्चायुक्त सोहेल महमूद को बुलाने का फैसला किया था। यह बताया गया था कि महमूद को विचार विमर्श के लिए बुलाया गया है।