ओवैसी और भागवत ही समाज में फैला रहे धार्मिक कट्टरताः दिग्विजय सिंह
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने संघ प्रमुख मोहन भागवत व एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी की जुड़ी हुई तस्वीरों को शेयर कर विवादित ट्वीट किया है। फोटो पर दोहरा चरित्र और शर्म करो भी लिखा हुआ है।
नई दिल्ली। हमेशा सुर्खियों में रहने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह ने एक ट्वीट कर बखेड़ा खड़ा कर दिया है। उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत और ऑल इंडिया-मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) नेता असदुद्दीन ओवैसी, दोनों के चेहरों की आधी-आधी जुड़ी हुई तस्वीर के साथ ट्वीट किया है कि 'ये दोनों (ओवैसी और भागवत) ही धार्मिक कट्टरता फैलाकर देश के सामाजिक ताने-बाने को नष्ट कर रहे हैं।'
The Two Perpetrators of Religious Fanaticism who are destroying Social Fabric of this Country. Image sent by a friend pic.twitter.com/8xWLg5yov6
— digvijaya singh (@digvijaya_28) September 22, 2015
दिग्विजय सिंह को यह विवादित तस्वीर फेसबुक पर उनके एक मित्र ने भेजी थी। फोटो पर दोहरा चरित्र और शर्म करो भी लिखा हुआ है। दिग्विजय सिंह के इस ट्वीट के बाद से सियासी खेमों में बहस का दौर गरमाए हुए है। भाजपा के साथ मुस्लिम दल दिग्विजय सिंह की आलोचना करते नहीं थक रहे हैं।
यह मुस्लिमों का अपमान हैः ओवैसी
दिग्विजय सिंह की इस पोस्ट पर ओवैसी भड़क गए, कहा, 'यह मुस्लिमों का अपमान है। कांग्रेस नेता ने एक दाढ़ी वाले व टोपीधारी मुस्लिम के फोटो को संघ के नेता के साथ लगाकर सारे मुस्लिमों का अपमान किया है।' ओवैसी ने कहा, 'मेरे फोटो का कोई महत्व नहीं है, लेकिन दिग्विजयसिंह इस हरकत से मुस्लिमों का अपमान कर रहे हैं।
मैं जानता चाहता हूं कि कांग्रेस राज में हुए कई दंगों से क्या सामाजिक ताना-बाना नष्ट नहीं हुआ था? बिहार के भागलपुर और असम में जब मुस्लिमों का नरसंहार हुआ था तब आपकी पार्टी सत्ता में नहीं थी? क्या बाबरी मस्जिद में मूर्तियां रखी गईं थी तब और जब मस्जिद के ताले खोले गए थे तब या मस्जिद ढहाई गई थी जब आपकी आपकी पार्टी की सरकार नहीं थी?
दिसंबर 1992 व जनवरी 1993 में जब मुंबई में दंगे हुए तब कांग्रेस की ही सरकार थी। यह वही पार्टी है जो श्रीकृष्ण आयोग की रिपोर्ट पर अमल करने में विफल रही थी। याकूब मेमन के साथ आपकी पार्टी की सरकार ने धोखा किया, लेकिन अब आप मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हो।'