डिजिटल अर्थव्यवस्था में रोजगार एक करोड़ के पार ले जाने का लक्ष्य, भारत अब बन रहा प्रौद्योगिकी का जनक
सूचना प्रौद्योगिकी और दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि सरकार ने डिजिटल अर्थव्यवस्था के तीन क्षेत्रों इलेक्ट्रानिक्स स्टार्टअप और आइटी तथा आइटी संबद्ध सेवाओं में अगले दो साल में रोजगार का आंकड़ा एक करोड़ के पार ले जाने का लक्ष्य रखा है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। सूचना प्रौद्योगिकी और दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि सरकार ने डिजिटल अर्थव्यवस्था के तीन क्षेत्रों इलेक्ट्रानिक्स, स्टार्टअप और आइटी तथा आइटी संबद्ध सेवाओं में अगले दो साल में रोजगार का आंकड़ा एक करोड़ के पार ले जाने का लक्ष्य रखा है।
डिजिटल अर्थव्यवस्था के क्षेत्रों में लाखों नौकरियां
स्टार्टअप के लिए ईएसी-एसटीपीआइ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वैष्णव ने कहा कि डिजिटल अर्थव्यवस्था के इन तीनों ही क्षेत्रों ने 88-90 लाख नौकरियां सृजित की हैं। उन्होंने कहा, 'सरकार का लक्ष्य है कि अगले दो साल में इन क्षेत्रों में रोजगार का आंकड़ा एक करोड़ के पार पहुंच जाना चाहिए।' वैष्णव ने कहा, 'पहले स्टार्टअप के लिए कुछ शहरों का जिक्र होता था। अब जब मैं गांवों में स्कूल जाता हूं, वहां के बच्चे स्टार्टअप लगाना चाहते हैं। यह बदलाव आया है।'
प्रौद्योगिकी का जनक बन रहा भारत
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत अब प्रौद्योगिकी उपभोक्ता से प्रौद्योगिकी का जनक बन रहा है। उन्होंने कहा कि साफ्टवेयर टेक्नोलाजी पार्क आफ इंडिया (एसटीपीआइ) स्टार्टअप को प्लेटफार्म देने के लिए ढांचागत सुविधाएं तैयार कर रहा है। कार्यक्रम में मौजूद एसटीपीआइ के महानिदेशक अरविंद कुमार ने कहा कि उनका संगठन स्टार्टअप के लिए 64 मझोले और छोटे शहरों (टियर दो और टियर तीन) में हर तरह की सुविधाओं से युक्त बुनियादी ढांचा (प्लग-एंड-प्ले) प्रदान कर है।
2025 तक 300 स्टार्टअप को कोष देने का लक्ष्य
सूचना प्रौद्योगिकी और दूरसंचार मंत्री ने कहा, 'हम उत्कृष्टता के जरिये स्टार्टअप को 5-10 लाख रुपये की शुरुआती पूंजी मुहैया कराते हैं। इनक्यूबेशन सेंटर योजना के तहत, हम मझोले और छोटे शहरों से आने वाले स्टार्टअप को 25 लाख रुपये का कोष देते हैं। हमने योजना के तहत लगभग 65 स्टार्टअप को लाभ प्रदान किया है और 2025 तक 300 स्टार्टअप को कोष देने का लक्ष्य है।'