सुषमा को प्रमुख चार मंत्रालयों में जगह मिलना मुश्किल
नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद की शपथ से पूर्व मंत्रिमंडल के गठन को लेकर कवायद तेज हो गई है। इसके साथ ही मोदी के कामकाज के सूत्र 'मिनिमम गवर्मेट, मैक्सिमम गवर्नेस' को मूर्त रूप देने के लिए प्रक्रिया तेज हो गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सुषमा स्वराज को प्रमुख चार मंत्रालयों जगह नहीं दी जाएगी। खबर
नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद की शपथ से पूर्व मंत्रिमंडल के गठन को लेकर कवायद तेज हो गई है। इसके साथ ही मोदी के कामकाज के सूत्र 'मिनिमम गवर्मेट, मैक्सिमम गवर्नेस' को मूर्त रूप देने के लिए प्रक्रिया तेज हो गई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सुषमा स्वराज को प्रमुख चार मंत्रालयों-गृह, वित्त, रक्षा और विदेश में जगह नहीं दी जाएगी। उन्हें मानव संसाधन मंत्री बनाया जा सकता है। खबर है कि राजनाथ सिंह को रक्षा, अरुण जेटली को विदेश और अरुण शौरी को वित्त मंत्रालय सौंपा जा सकता है। जबकि राजनाथ के करीबी जेपी नड्डा को भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना है।
इसके साथ ही सूत्रों ने यह भी बताया कि मोदी मंत्रिमंडल का आकार छोटा होगा इसलिए कई मिलते-जुलते मंत्रालयों व विभागों का विलय हो सकता है। खबर है कि गृह मंत्रालय से आंतरिक सुरक्षा (आइबी और एनआइए) को पीएमओ से अटैच किया जाएगा। इसके लिए एक राज्यमंत्री की नियुक्ति की जाएगी, जो सीधा प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करेगा। वहीं कोयला, ऊर्जा व अक्षय ऊर्जा को मिलाकर एक मंत्रालय, पंचायती राज का ग्रामीण विकास मंत्रालय में विलय संभ व है।