अमेरिका की तरह अब भारत में भी होगी किसी भी इमरजेंसी सेवा के लिए डायल 112
सिंगल इमरजेंसी नंबर अमेरिका में भी है। अमेरिका में किसी भी इमरजेंसी के लिए 911 नंबर डायल किया जाता है।
नई दिल्ली, एजेंसी। देश के 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अखिल भारतीय नेटवर्क से जोड़ दिया जाएगा। इसके तहत आपातकालीन हेल्पलाइन सेवाओं को डायल 112 से जोड़ दिया जाएगा। यह सेवा 19 फरवरी से शुरू कर दी जाएगी। यह जानकारी गुरुवार को एक अधिकारी ने दी। इमरजेंसी रिस्पोंस सपोर्ट सिस्टम के जरिए पुलिस (100), फायर (101), हेल्थ (108) और महिला हेल्पलाइन नंबर (1090) को आपस में जोड़ दिया जाएगा। यानी अगर किसी को आपातकालीन सेवाओं की जरुरत पड़ी तो उसे सिर्फ अपने फोन पर 112 नंबर डायल करना होगा।
फोन पर 5 या 9 बटन भी दबा सकते हैं
आपात सेवा हासिल करने के लिए व्यक्ति को फोन से 112 डायल करना होगा या फिर इमरजेंसी रिस्पांस सेंटर (ईआरसी) को तत्काल सक्रिय करने के लिए स्मार्टफोन का पावर बटन तीन बार जल्दी-जल्दी दबाना होगा। सामान्य फोन में इसके लिए 5 या 9 बटन को देर तक दबाना होगा। अगर कोई व्यक्ति अपने फोन पर पावर बटन को लगातार तीन बार प्रेस करेगा तो 112 नंबर अपने आप डायल हो जाएगा और कॉल इमरजेंसी रिस्पोंस केंद्र पर चली जाएगी। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति अपने फोन पर 5 या 9 को बटन लंबे समय तक दबाता है तो भी पैनिक कॉल एक्टिव हो जाएगी।
ERSS की वेबसाइट पर भी जाकर ईमेल कर सकते हैं
राज्यों के लिए लोग ईआरएसएस की वेबसाइट पर लॉगऑन कर सकते हैं और आपात ईमेल दर्ज करा सकते हैं या फिर प्रदेश ईआरसी को एसओएस अलर्ट भेज सकते हैं। लोग 112 इंडिया मोबाइल एप भी इस्तेमाल कर सकते हैं जो गूगल प्लेस्टोर और एप्पल स्टोर पर मुफ्त उपलब्ध है।
19 फरवरी को इन राज्यों में लागू होगी सेवा
जिन राज्यों में 19 फरवरी को सिंगल इमरजेंसी नंबर '112' का शुरु किया जाएगा उनमें राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब शामिल हैं। इसके अलावा मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भी शुरू किया जा रहा है। यह सेवा हिमाचल प्रदेश और नागालैंड में पहले ही शुरू की जा चुकी है। एक अधिकारी ने बताया कि इस सेवा को देश के अन्य राज्यों में भी धीरे-धीरे लागू किया जाएगा।
अमेरिका में भी है ऐसी सेवा
इस तरह का सिंगल इमरजेंसी नंबर अमेरिका में भी है। अमेरिका में किसी भी इमरजेंसी के लिए 911 नंबर डायल किया जाता है। बता दें कि ईआरसी जिला कमांड सेंटर (डीसीसी) से जुड़े हैं। ईआरसी पर आपातकालीन कॉल करने के बाद पुलिस सभी घटनाओं को देख सकती है और पीड़ितों को सहायत मुहैया करवा सकती है। केंद्र सरकार ने इसके लिए 321.69 करोड़ खर्च कर रही है।