वेतन घोटाले में एयर इंडिया अधिकारी की सेवा समाप्त करेगा डीजीसीए
एयरस इंडिया के इस अधिकारी पर दोहरा वेतन लेने का आरोप है। 30 जून को डीजीसीए के साथ इस अधिकारी का अनुबंध खत्म हो रहा है।
नई दिल्ली, आइएएनएस। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयर इंडिया के एक चीफ फ्लाइट ऑपरेशंस इंस्पेक्टर (सीएफओआइ) की सेवा समाप्त करने का फैसला किया है। सीएफओआइ पर दो साल तक एयर इंडिया और डीजीसीए दोनों से वेतन लेने का आरोप है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, 'सीएफओआइ को एयर इंडिया में वापस भेजा जा सकता है, क्योंकि उनका अनुबंध 30 जून को खत्म हो रहा है।'आरोपित अधिकारी जनवरी 2017 तक एयर इंडिया में संयुक्त प्रबंधक थे। इसके बाद उन्हें डीजीसीए में प्रतिनियुक्त कर दिया गया था।
दोहरा वेतन लेने का कथित मामला पिछले साल जनवरी में सामने आया था। इस मामले में एयर इंडिया ने आंतरिक जांच गठित की थी और पिछले साल जून में सीएफओआइ को कार्यमुक्त करने का आग्रह किया था, ताकि आरोपों की जांच की जा सके। तब डीजीसीए सहमत नहीं हुआ था। गौरतलब है कि एयर इंडिया ने पिछले साल सीएफओआइ को नोटिस जारी कर डीजीसी में प्रतिनियुक्ति के दौरान एयरलाइन से 2.8 करोड़ रुपये का वेतन हासिल करने के संबंध में जवाब मांगा था। मामला प्रकाश में आने के बाद अधिकारी अब तक एयर इंडिया को दो किस्तों में 90 लाख रुपये लौटा चुके हैं और बाकी राशि भी जल्द लौटाने की बात कही है।
3 जुलाई से वंदे भारत मिशन का चौथा चरण होगा शुरू
कोरोना वायरस के कारण विद्शों में फंसे भारतीय नागरिकों को वापास लाने का काम लगातार जारी है। 'वंदे भारत मिशन' और 'ऑपरेशन समुद्र सेतु' के तहत अब तक 2.63 लाख भारतीय नागरिकों को वापस लाया जा चुका है। एयर इंडिया के एक आधिकारिक दस्तावेज के अनुसार, वंदे भारत मिशन के चौथे चरण की शुरुआत 3 जुलाई से होगी, जो 15 जुलाई तक चलेगी। इस दौरान 17 देशों से 170 उड़ानों का संचालन किया जाएगा।
सरकार ने 6 मई से इस मिशन को शुरू किया था, ताकि विदेश में फंसे हुए लोगों को विशेष प्रत्यावर्तन उड़ानों के वापस लाया जा सके। कोरोना वायरस महामारी के कारण 23 मार्च से भारत में अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों को निलंबित कर दिया गया है।