माघ पूर्णिमा पर श्रृद्धालुओं ने अजमेर के तीर्थराज पुष्कर सरोवर में लगाई पवित्र डुबकी
श्रृद्धालु तड़के से ही पवित्र सरोवर के घाटों पर स्नान एवं पूजा ध्यान के लिए एकत्रित होना शुरू हो गए और पुण्य की डुबकी लगाकर धर्मलाभ कमाया।
अजमेर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में अजमेर के तीर्थराज पुष्कर में रविवार को माघ महीने की पूर्णिमा पर पवित्र पुष्कर सरोवर में श्रृद्धालुओं ने स्नान कर पुण्य कमाया।
माघी पूर्णिमा पर सरोवर के घाटों पर उमड़ा जन सैलाब
श्रृद्धालु तड़के से ही पवित्र सरोवर के घाटों पर स्नान एवं पूजा ध्यान के लिए एकत्रित होना शुरू हो गए और पुण्य की डुबकी लगाकर धर्मलाभ कमाया। सनातन धर्म में माघी पूर्णिमा का विशेष महत्व है।
हजारों श्रृद्धालुओं ने सरोवर में लगाई पुण्य की डुबकी
कहा जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों और सरोवरों में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। यही कारण है कि पुष्कर के स्थानीय लोगों के अलावा देश भर से आए हजारों श्रृद्धालुओं ने मुख्य गउ घाट एवं ब्रह्म घाट पर डुबकी लगाकर मंगल कामना की।
ठंड के बावजूद श्रृद्धालुओं में स्नान के प्रति कोई कमी नहीं दी दिखाई
इसके बाद श्रृद्धालुओं ने जगतपिता ब्रह्माजी के दर्शन किए। माघ महीने के आखिरी दिन पूर्णिमा को देखते हुए कस्बे के बाजारों में अच्छी खासी रौनक एवं चहल पहल देखी गई। ठंड के बावजूद श्रृद्धालुओं में स्नान के प्रति श्रृद्धा में कहीं कोई कमी दिखाई नहीं दी।
गंगा स्नान के लिए जाती 64 टन वजनी और 28 फीट लंबी भगवान श्रीहनुमान की प्रतिमा
अजमेर संभाग के भीलवाड़ा जिले के संकट मोचन हनुमान मंदिर से भगवान हनुमान की गंगा स्नान के लिए प्रयागराज यात्रा रविवार को शुरू हो गई। बालाजी की 28 फीट की विशाल प्रतिमा की प्रयागराज यात्रा दोपहर 12 बजकर 15 बजे संकटमोचन हनुमान मंदिर के महंत बाबूगिरी महाराज के सानिध्य में रवाना हुई यह यात्रा एक महीने तक चलेगी।
यह प्रतिमा 2100 किलोमीटर का सफर एक माह में तय करके वापस लौटेगी
हनुमान भगवान की प्रतिमा 64 टन वजनी और 28 फीट लम्बी है। यह प्रतिमा 21 सौ किलोमीटर का प्रयागराज तक का सफर एक माह में तय करके वापस भीलवाड़ा लौटेगी। उसके बाद इस प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की जायेगी। वहीं यात्रा को नगर परिषद् सभापति मंजू चेचाणी, भाजपा पूर्व जिलाध्यक्ष दामोदर अग्रवाल व लक्ष्मी नारायण डाड, पूर्व सभापति मधू जाजू और महंत बाबू गिरी महाराज श्रीराम सेवा मंडल के शांतिप्रकाश मोहता, पीयूष डाड, अनिल बल्दवा, सीईओ राजकुमार माली, बद्रीलाल सोमाणी, सत्यनारायण शर्मा, आजाद शर्मा, दामोदर सिंगी ने महाआरती के बाद झंडी दिखाकर बैड.बाजों के साथ यात्रा को रवाना किया।
यह यात्रा भीलवाड़ा से होते हुए प्रयागराज पहुंचेगी
श्रीराम सेवा संस्थान के अध्यक्ष शांतिप्रकाश मोहता का कहना है कि यह यात्रा भीलवाड़ा से चित्तौडगढ, बिजौलिया, कोटा से झांसी होते हुए प्रयागराज पहुंचेगी। जहां पर गंगा स्नान करके वापस यह भीलवाड़ा लौटेगी। उसके बाद भीलवाड़ा के पास ही इस प्रतिमा की स्थापना की जायेगी। इस प्रतिमा को बनाने के लिए 40 लाख रुपये की लागत आई है।
बालाजी की 28 फीट की विशाल प्रतिमा प्रयागराज पहुंचकर संगम पर स्नान करेगी
उल्लेेखनीय है कि बालाजी की 28 फीट की विशाल प्रतिमा चार साल पहले दौसा जिले के सिकंदरा से लाई गई थी। इस प्रतिमा को मंगलपुरा स्थित हाथीभाटा आश्रम में रखवाया गया था। यात्रा से पूर्व प्रतिमा का रंगरोगन करवाया गया और रथ से संकटमोचन हनुमान मंदिर लाया गया और श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ रखा गया। महंत बाबूगिरी महाराज ने बताया कि यात्रा गंगापुर, नाथद्वारा, चित्तौडगढ़, झांसी होते हुए प्रयागराज पहुंचेगी जहां गंगा.जमुना.सरस्वती के संगम पर स्नान कराया जाएगा।
प्रयागराज में लेटे हुए हनुमान मंदिर में हवन व पूजन कर वापस भीलवाड़ा के लिए रवाना
प्रयागराज में लेटे हुए हनुमान मंदिर में हवन व पूजा की जाएगी। इसके बाद प्रतिमा वापस भीलवाड़ा के लिए रवाना होगी। प्रतिमा को भीलवाड़ा में स्थापित करने की योजना है और इसके लिए स्थान की तलाश की जा रही है। बालाजी की प्रतिमा के प्रयागराज रवाना होने के दौरान अतिथियों का दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया गया। रथ के सारथी का भी दुपट्टा पहनाकर सम्मान किया गया।