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फडनवीस के लिए गडकरी-मुंडे गुट में संतुलन साधना चुनौती

मुंबई [ओम प्रकाश तिवारी]। भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के नए अध्यक्ष देवेंद्र फडनवीस स्वयं तो निर्गुट माने जाते हैं, लेकिन पार्टी के दो दिग्गजों गोपीनाथ मुंडे व पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी के खेमों में संतुलन साधना उनके लिए बड़ी चुनौती है। साथ ही दोनों वरिष्ठों और उनके गुट के नेताओं से मनमाफिक काम लेना भी टेढ़ी खीर होगा।

By Edited By: Published: Mon, 15 Apr 2013 05:20 PM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2013 05:58 PM (IST)
फडनवीस के लिए गडकरी-मुंडे गुट में संतुलन साधना चुनौती

मुंबई [ओम प्रकाश तिवारी]। भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के नए अध्यक्ष देवेंद्र फडनवीस स्वयं तो निर्गुट माने जाते हैं, लेकिन पार्टी के दो दिग्गजों गोपीनाथ मुंडे व पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी के खेमों में संतुलन साधना उनके लिए बड़ी चुनौती है। साथ ही दोनों वरिष्ठों और उनके गुट के नेताओं से मनमाफिक काम लेना भी टेढ़ी खीर होगा।

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देवेंद्र दो दिन पहले ही प्रदेश अध्यक्ष बने हैं। वह गडकरी के शहर नागपुर से ही विधायक हैं, इसलिए नागपुर से सूबे तक की राजनीति में गडकरी उनके वरिष्ठ रहे हैं, लेकिन उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनवाने में बड़ी भूमिका मुंडे की मानी जा रही है। देवेंद्र के लिए यह बड़ी मुश्किल है। गडकरी को नागपुर में ही भाजपा का दूसरा शक्ति केंद्र विकसित होना कतई अच्छा नहीं लगेगा, जबकि मुंडे ने संभवत: इसी पक्ष को ध्यान में रखते हुए देवेंद्र को समर्थन दिया होगा।

देवेंद्र के लिए नई कार्यकारिणी का गठन भी आसान नहीं होगा। आगामी लोस एवं विस चुनाव उन्हीं की अध्यक्षता में लड़े जाने हैं। इसके लिए उन्हें मजबूत टीम की जरूरत है, जिसका चयन मुंडे-गडकरी गुटों में से ही करना होगा। दोनों पक्षों के दबाव के बीच संतुलन बिगड़ा तो कोई भी रणनीति बनाना या उसे अंजाम तक पहुंचाना मुश्किल होगा। इस समय विधानसभा में नेता विपक्ष एकनाथ खडसे मुंडे गुट के तो विधान परिषद के नेता विपक्ष विनोद तावड़े गडकरी गुट के माने जाते हैं।

देवेंद्र की मुश्किलें पार्टी तक ही सीमित नहीं हैं। महाराष्ट्र में भाजपा को अपनी चुनावी रणनीति शिवसेना के साथ मिलकर बनानी पड़ती है। देवेंद्र सेना-भाजपा के वर्षो पुराने गठबंधन में राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना [मनसे] को भी शामिल करने के पक्षधर हैं। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव को यह विचार फूटी आंखों नहीं सुहाता। इस संदर्भ में देवेंद्र के बयान पर हाल ही में उद्धव तीखी प्रतिक्रिया भी आ चुकी है।

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