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सबरीमाला विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट की शरण में पहुंचा देवास्वाम बोर्ड

अब देवासम बोर्ड सबरीमाला मंदिर फैसले को लागू करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की शरण में जा पहुंचा है

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 04:23 PM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 08:11 PM (IST)
सबरीमाला विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट की शरण में पहुंचा देवास्वाम बोर्ड
सबरीमाला विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट की शरण में पहुंचा देवास्वाम बोर्ड

नई दिल्ली, एएनआइ। केरल के सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश देने का फैसला लागू करने के लिए त्रावनकोर देवासवम बोर्ड (टीडीबी) ने सुप्रीम कोर्ट से और समय देने की मांग की है। टीडीबी ही इस मंदिर का प्रबंधन संभालता है।

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शीर्ष अदालत में दायर अपनी याचिका में टीडीबी ने मंदिर परिसर में अन्य कारणों के अलावा बुनियादी सुविधाओं के अभाव को भी अतिरिक्त समय मांगने का कारण बताया है। श्रद्धालु भी कह चुके हैं कि पर्याप्त टॉयलेट सुविधाओं और विश्राम गृहों के अभाव में उन्हें विशेषकर महिला श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अगस्त में आई बाढ़ ने मंदिर परिसर में बुनियादी ढांचे को क्षति पहुंचाई थी। बता दें कि 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 4:1 के बहुमत से सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति प्रदान कर दी थी।

मंदिर परिसर से 72 गिरफ्तार
निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने पर रविवार देर रात पुलिस ने 72 श्रद्धालुओं को गिरफ्तार कर लिया। दरअसल, प्रशासन के आदेश के मुताबिक रविवार रात 200 से ज्यादा श्रद्धालुओं ने रात 10 बजे के बाद मंदिर परिसर खाली करने से इन्कार कर दिया था। वे वहां सुविधाओं के अभाव और पुलिस प्रतिबंधों का विरोध कर रहे थे। पुलिस ने जब उन्हें हटाने की कोशिश की तो उन्होंने भगवान अयप्पा के भजन गाने शुरू कर दिए। लिहाजा मध्यरात्रि के बाद पुलिस ने 72 श्रद्धालुओं को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का कहना है कि गिरफ्तार लोग श्रद्धालु नहीं हैं, वहीं राज्य के देवासवम मंत्री कदाकमपल्ली सुरेंद्रन ने कहा कि वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के गुंडे हैं।

विरोध में प्रदेशव्यापी प्रदर्शन
गिरफ्तारियों के विरोध में सोमवार को भाजपा, भाजयुमो और अन्य दक्षिणपंथी संगठनों ने राज्यभर में विरोध प्रदर्शन तेज कर दिए हैं। हिंदू कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर नारे लगाए और राज्यभर में पुलिस स्टेशनों के समक्ष प्रार्थना सत्रों का आयोजन किया। पांच भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने सोमवार सुबह कोझिकोड में पार्टी के झंडे लहराए और उनमें से दो ने मुख्यमंत्री काफिले के आगे कूदने की कोशिश की। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। तिरुवनंतपुरम में मुख्यमंत्री के सरकारी आवास के बाहर भी प्रदर्शन किया गया। भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने राज्य सचिवालय तक मार्च भी निकाला।

'अयप्पा भक्तों को संघ कार्यकर्ता बता रही सरकार'
केरल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्नीथला ने पुलिस कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार भगवान अयप्पा के भक्तों पर संघ परिवार कार्यकर्ताओं का ठप्पा लगाने की कोशिश कर रही है। वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पीएस श्रीधरन ने कार्रवाई को क्रूर बताते हुए न्यायिक जांच की मांग की। सत्तारूढ़ माकपा के प्रदेश सचिव कोडियेरी बालकृष्णन ने आरोप लगाया कि आरएसएस पवित्र मंदिर पर नियंत्रण हासिल करने के लिए सबरीमाला में विरोध प्रदर्शन का खालिस्तान मॉडल चला रही है।


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