ओमिक्रोन के खतरे के बावजूद देश में हर तीन में से एक शख्स बाहर निकलते समय नहीं पहन रहा मास्क
देश में कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट के मामले सामने आने के बाद उभरती चिंताओं के बावजूद मास्क पहनने के नियमों का अनुपालन निचले स्तर पर बना हुआ है। एक सर्वे में केवल दो फीसद लोगों ने माना कि उनके इलाके में लोग इस नियम का पालन कर रहे हैं।
नई दिल्ली, पीटीआइ। देश में कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट के मामले सामने आने के बाद उभरती चिंताओं के बावजूद मास्क पहनने के नियमों का अनुपालन निचले स्तर पर बना हुआ है। समाचार एजेंसी पीटीआइ एक सर्वेक्षण के हवाले से बताया है कि तीन में से एक भारतीय का कहना है कि उनके इलाक में अधिकांश लोग अपने घरों से बाहर निकलते समय मास्क नहीं पहनते हैं। केवल दो फीसद लोगों ने माना कि उनके इलाके, शहर या जिले में लोग इस नियम का पालन कर रहे हैं।
डिजिटल समुदाय आधारित प्लेटफार्म 'लोकल सर्किल' (LocalCircles) की ओर से किए गए एक सर्वेक्षण में देश के 364 जिलों के 25 हजार से अधिक लोगों की प्रतिक्रियाएं मिलीं। इनमें 29 फीसद लोगों ने माना कि मास्क पहनने के नियम का पालन करने की दर अच्छी है। समाचार एजेंसी पीटीआइ ने सर्वेक्षण के आधार पर कहा है कि देश में मास्क पहनने की दर सितंबर में गिरकर महज 12 फीसद तक आ गई। नवंबर में इसमें और गिरावट आई और यह केवल दो फीसद तक रह गई।
'लोकल सर्किल' (LocalCircles) के संस्थापक सचिन टापरिया (Sachin Taparia) ने कहा कि यह बेहद जरूरी है कि कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट के मद्देनजर केंद्र और राज्य सरकारें मास्क अनुपालन के बारे में जागरूकता पैदा करने और इसका पालन कराने के लिए जरूरी कानूनी कार्रवाई को लेकर कदम उठाएं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि एक इनडोर क्षेत्र में दो लोगों ने मास्क नहीं पहना है तो संक्रमित व्यक्ति केवल 10 मिनट में दूसरे को वायरस दे सकता है जबकि यदि दोनों ने एन-95 मास्क पहना है तो इसके लिए 600 घंटे से अधिक समय तक दायरे में आने की आवश्यकता होती है। ऐसे में जब ओमिक्रोन वैरिएंट को लेकर दुनिया भर के वैज्ञानिक आगाह कर रहे हैं तो मास्क पहनने की जरूरत सबसे ज्यादा हो जाती है। सनद रहे कि डब्ल्यूएचओ की ओर से ओमिक्रोन को वैरिएंट आफ कंसर्न की श्रेणी में रखा गया है। यह वैरिएंट दुनिया के 40 से अधिक देशों में फैल चुका है।