Move to Jagran APP

बोफोर्स से ज्यादा मारक क्षमता वाली धनुष तोप अब 29 मार्च को सेना में होगी शामिल

भारतीय सेना की ताकत अब कई गुना बढ़ने वाली है। दरअसल 29 मार्च को सेना के खाते में 4 देसी बोफोर्स को औपचारिक तौर पर शामिल कर लिया जाएगा। इसे धनुष हॉविट्जर के नाम से भी जाना जाता है।

By Atyagi.jimmcEdited By: Published: Tue, 26 Mar 2019 03:50 PM (IST)Updated: Tue, 26 Mar 2019 04:20 PM (IST)
बोफोर्स से ज्यादा मारक क्षमता वाली धनुष तोप अब 29 मार्च को सेना में होगी शामिल
बोफोर्स से ज्यादा मारक क्षमता वाली धनुष तोप अब 29 मार्च को सेना में होगी शामिल

नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय सेना की ताकत अब कई गुना बढ़ने वाली है। दरअसल 29 मार्च को सेना के खाते में 4 देसी बोफोर्स को औपचारिक तौर पर शामिल कर लिया जाएगा। इसे धनुष हॉविट्जर के नाम से भी जाना जाता है।

loksabha election banner

दरअसल देसी बोफोर्स को आज ही सेना को सौंपा जाना था। लेकिन आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड महानिदेशक सौरभ कुमार कार्यक्रम में नहीं पहुंचे। निर्माणी प्रशासन ने दोपहर बाद तक सौरभ कुमार के कार्यक्रम में शामिल न होने की वजह को स्पष्ट नहीं किया। वहीं श्रमिक नेताओं का कहना है कि निर्माणी का यह कार्यक्रम स्थगित करने की वजह इस कार्यक्रम में थल सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत का आना हैl निर्माणी प्रशासन अब 29 मार्च को धनुष तोप सेना के हवाले करने की तैयारी कर रहा हैl

बता दें कि बोफोर्स जंग की स्थिति में दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देंगे। धनुष हॉविट्जर का निर्माण बोफोर्स की तर्ज पर ही किया गया है। गौरतलब है कि 1980 के दशक में बोफोर्स को भारतीय सेना में शामिल किया गया था। किसी भी तोप का सामने करने में सक्षम बोफोर्स दुश्मनों की किसी भी तोप का सामना कर सकती है।

वहीं 2015 में ही भारत ने धनुष हॉविट्जर निर्माण करना शुरु कर दिया था। तोप धनुष को बोफोर्स से बेहतर माना जाता है। 

भारत की पहली लंबी रेंज की तोप
तोप धनुष का कैलिबर 155mm है, जबकि इसकी रेंज 40 किलोमीटर है। यह भारत में बनाई गई पहली लंबी रेंज की तोप है। ये तोप दिन और रात दोनों वक्त हमला करने में सक्ष्म है। साथ ही पहाड़ी इलाकों में भी इसकी बड़ी आसानी से तैनाती की जा सकती है। 

कई कठिन परिस्थितियों में किया जा चुका है परीक्षण 

इस तोप का परीक्षण कई तरह की कठिन परिस्थितियों में किया जा चुका है। रेगिस्तान से लेकर पहाड़ी इलाकों तक में धनुष भरोसेमंद साबित हुई है। 

वायुसेना को मिला चिनूक

बता दें कि हाल ही में अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग ने भारतीय वायु सेना को चार चिनूक सैन्य हेलिकॉप्टर सौंप दिए हैं। ये हेलिकॉप्टर गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पर उतारे गए। चिनूक हेलिकॉप्टर बहुत ऊचाई पर उड़ान भर सकता है। चिनूक हेलिकॉप्टर को भारी भरकम सामान ले जाने के लिए जाना जाता है। सैनिकों, हथियार, ईंधन और उपकरण ले जाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.