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नौसेना ने हिंद महासागर में युद्धपोतों की तैनाती बढ़ाई, चीन की हर हरकत पर रखी जा रही नजर

चीन के साथ कई महीनों से चल रही तनातनी के मद्देनजर भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर क्षेत्र (आइओआर) में अपने युद्धपोतों की संख्या बढ़ा दी है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 08 Aug 2020 06:01 AM (IST)Updated: Sat, 08 Aug 2020 06:16 AM (IST)
नौसेना ने हिंद महासागर में युद्धपोतों की तैनाती बढ़ाई, चीन की हर हरकत पर रखी जा रही नजर
नौसेना ने हिंद महासागर में युद्धपोतों की तैनाती बढ़ाई, चीन की हर हरकत पर रखी जा रही नजर

नई दिल्ली, आइएएनएस। चीन के साथ कई महीनों से चल रही तनातनी के मद्देनजर भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर क्षेत्र (आइओआर) में अपने युद्धपोतों की संख्या बढ़ा दी है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, नौसेना ने इस क्षेत्र में सामान्य तौर पर तैनात रहने वाले युद्धपोतों से करीब 25 फीसद अतिरिक्त युद्धपोत बढ़ाए हैं। अधिकारियों ने बताया कि पिछले सौ दिनों से भारतीय नौसेना उत्तर में लद्दाख से लेकर दक्षिण में मॉरीशस तक करीब 7,000 किलोमीटर और पश्चिम में लाल सागर से पूर्व में मलक्का जलडमरूमध्य तक करीब 8,000 किलोमीटर की दूरी तक निगरानी रख रही है।

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दुश्मन को जवाब देने के लिए तत्पर

भारतीय नौसेना आइओआर में महत्वपूर्ण स्थानों पर अपने युद्धपोत तैनात रखती है। यह किसी भी स्थिति में दुश्मन को जवाब देने के लिए तत्पर रहते हैं। ये युद्धपोत बंगाल की खाड़ी, मलक्का जलडमरू मध्य, अंडमान सागर, दक्षिण और मध्य हिंद महासागर क्षेत्र, अदन की खाड़ी और फारस की खाड़ी में गश्त करते नजर आ सकते हैं।

सतर्कता से निगरानी

भारतीय नौसेना का एक युद्धपोत 2019 में आपरेशन संकल्प के दौरान से अब तक फारस की खाड़ी से गुजरने वाले मालवाहक जहाजों को सुरक्षा प्रदान करता है। भारतीय नौसेना का इस क्षेत्र में जबर्दस्त नेटवर्क है। इसके अलावा उसके विमान इस क्षेत्र में सतर्क निगरानी करते हैं।

...ताकि ना हो मुंबई हमले जैसी घटना

एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने बताया कि नौसेना तटवर्ती इलाकों की भी बहुत सतर्कता से निगरानी करती है। 26/11 के बाद इस काम में नौसेना 20 सरकारी एजेंसियों से सामंजस्य रखती है। इस निगरानी का मकसद मुंबई हमले जैसी किसी घटना की पुनरावृत्ति रोकना है।

आस्ट्रेलिया के सहयोग से सहूलियत

पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना की गतिविधियां बढ़ने और 15 जून को गलवन में खूनी झड़प जिसमें 20 भारतीय सैनिक बलिदान हुए थे। इसके बाद भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के प्रमुख प्रतिदिन बैठक कर संयुक्त प्रतिक्रिया पर विचार विमर्श करते हैं। चीन की घुसपैठ के बाद से नौसेना लगातार निगरानी कर रही है। आस्ट्रेलिया से जून में हुए पारस्परिक सहयोग समझौते के बाद से भारतीय नौसेना को कोकोस और कीलिंग आइलैंड तक जाने की छूट मिल गई है। इस छूट से नौसेना को हिंद महासागर क्षेत्र में प्रवेश करने वाले चीन के युद्धपोतों, पनडुब्बियों और विमानों की निगरानी करने में सहूलियत हो गई है।


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