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काल बन रहा कोहरा: सर्द मौसम में सड़क पर गाड़ी चलाते समय बचे रहना है तो बरतें ये सावधानियां

सर्दियों में सड़कों पर छाया कोहरा हर वर्ष कई लोगों की जान ले लेता है। इसकी वजह से लोगों को गाड़ी चलाते समय दिक्‍कत का सामना करना पड़ता है और हाईवे पर तो लोगों की जान हर वक्‍त आफत में रहती है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 08:18 AM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 07:30 AM (IST)
काल बन रहा कोहरा: सर्द मौसम में सड़क पर गाड़ी चलाते समय बचे रहना है तो बरतें ये सावधानियां
घने कोहरे के बीच सड़क पर दृश्‍यता काफी कम हो जाती है (फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली (जेएनएन)। सर्दियां शुरू हो चुकी हैं। आने वाले कुछ ही दिनों में पूरा उत्तर भारत घने कोहरे की चादर से ढक जाया करेगा। चूंकि कोहरे की अवधि लंबी होती है। शाम ढलते ही यह छाने लगता है और दूसरे दिन सूरज चढ़ने के साथ इसका काम तमाम होता है, लिहाजा बाहर निकलना लोगों की विवशता होती है। कई बार इस दौरान बहुत कम दृश्यता होती है। इसमें जरा सी चूक हमें अपने जीवन की कीमत देकर चुकानी पड़ सकती है। सड़क यातायात और राजमार्ग मंत्रलय के आंकड़े बताते हैं कि कोहरे के दौरान सड़क दुर्घटनाओं और उनमें हताहत होने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। यह स्थिति चिंताजनक है। इसे बदलना ही होगा।

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वृद्धि: 2014 में कोहरे के चलते हुई सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या 5,886 थी। महज दो साल बाद ही ये आंकड़ा 11 हजार को पार गया। ये वृद्धि करीब सौ फीसद के आसपास बैठती है।

दृश्यता कम क्यों

पानी की बूंदों से बने घने बादल जब वायुमंडल में कोहरे के रूप में फैले रहते हैं तो ये बूंदें चारों दिशाओं में प्रकाश का परावर्तन करती हैं जो सीधे हमारी आंखों पर पड़ता है। लिहाजा साफ दिन की तुलना में कोहरे की स्थिति में हम बहुत दूर तक नहीं देख पाते हैं।

हर साल ऐसी स्थिति

हर साल उत्तर भारत का मैदानी इलाका घने कोहरे से घिर जाता है। मौसम विज्ञानी इसके लिए नॉक्टरनल जेट मौसमी परिघटना को उत्तरदायी ठहराते हैं। नॉक्टरनल जेट मौसमी परिस्थिति तब बनती है जब वायुमंडल के निचले हिस्से में रात के समय तेज वायु का प्रवाह होता है और आसमान साफ होता है। ऐसे में जब धरती के पास का तापमान रात में गिरता है तो धरती के ऊपर ओस की बूंदे संघनित होकर जम जाती हैं। इसे ही कोहरा कहते हैं। सामान्यतौर पर कोहरा बनने के लिए तीन कारक जिम्मेदार होते हैं। उच्च आद्र्रता, कम तापमान और हल्की हवा। हालांकि नॉक्टरनल जेट परिघटना में हवाएं तेज चलती हैं और आद्र्रता का स्तर बहुत कम होता है। ये सभी कारक मिलकर उत्तर भारत के मैदानी हिस्से में हर साल कोहरे की चादर तान देते हैं।

बरतें ये एहतियात  

  • कोहरे के चलते हुई सड़क दुर्घटनाओं में मरने वाले लोग
  • बरतें एहतियात: कोहरे के दौरान इन कदमों को उठाकर हम सुरक्षित यात्र कर सकते हैं।
  • कोहरे में वाहन से निकलने से पहले सुनिश्चित कर लें कि आपकी ¨वडशील्ड और मिरर सही तरीके से साफ हों।
  • देख लें कि ¨वडस्क्रीन साफ करने वाली ब्लेड सही से काम कर रही है।
  • यदि आपकी कार आगे और पीछे फॉग लैंप्स से युक्त हैं तो देख लें कि ये चालू हालत में हैं।
  • चेक कर लें कि कार की बैट्री समुचित चार्ज हो।
  • अगर आप साइकिल या दुपहिया से हैं तो रंगों का ख्याल रखें। रात में काला रंग बिल्कुल भी नहीं दिखता है। नीला, लाल, पीला, सफेद और हरा रंग इसी क्रम में ज्यादा दृश्यता वाले होते हैं।
  • लाइट को लो बीम पर रखें, इससे कोहरे में चलने में आसानी रहेगी।
  • वाहन चलाते समय सड़क पर खींची गई रंगीन लाइनों का अनुसरण करें।
  • हेलमेट में रेडियम टेप लगाएं। साइकिल के टायरों में रेडियम लाइटें लगा सकते हैं।
  • आगे चल रहे वाहन से एक सुरक्षित दूरी बनाकर चलें।
  • मुड़ने से पहले इंडीकेटर का इस्तेमाल करें।
  • पार्किग लाइट को जलाए रखें।
  • तेज रफ्तार और ओवरटेकिंग से परहेज करें।
  • हमेशा सतर्क रहें और हर ध्वनि को ध्यान से सुनने की कोशिश करें।
  • हीटर को ऑन रखें।
  • सड़क के बीच में गाड़ी न रोकें
  • वाहन चलाते समय सीट बेल्ट इस्तेमाल करें।
  • सुनिश्चित हो जाएं कि ¨वडशील्ड वाशर टैंक में जरूरी तरल भरा हो।
  • वाहन में एक शक्तिशाली टॉर्च जरूर रखें। आपातकाल स्थिति में यातायात को सिग्नल देने में इसकी अहम भूमिका हो जाएगी।

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