डीयू की परीक्षा रद्द करने की मांग, उपराष्ट्रपति और एचआरडी मंत्री को लिखा पत्र
छात्र संगठन INSO कोरोना काल में छात्रों के मुद्दों को लेकर लगातार सक्रिय है। संगठन ने दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों को भी बिना परीक्षा पास करने की मांग उठाई है।
नई दिल्ली, जेएनएन। छात्र संगठन इंडियन नेशनल स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (INSO) कोरोना काल में छात्रों के मुद्दों को लेकर लगातार सक्रिय है। इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला ने हरियाणा के बाद अब दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों को भी बिना परीक्षा पास करने की मांग उठाई है। शुक्रवार को दिग्विजय चौटाला ने देश के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक व डीयू के उपकुलपति को पत्र लिखकर छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन व पिछले परिणाम के आधार पर पास करने का आग्रह किया है। दिग्विजय चौटाला ने कहा कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते डीयू में पढ़ने वाले हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, यूपी आदि राज्यों के छात्रों का परीक्षा देने के लिए दिल्ली में आना मुश्किल है और यहां आकर परीक्षा देना सुरक्षित भी नहीं है।
पत्र के जरिये दिग्विजय चौटाला ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने अंतिम वर्ष की परीक्षाएं ऑनलाइन ओपन बुक माध्यम से कराने का फैसला लिया है जबकि मार्च से ही डीयू के विद्यार्थी अपने घर पर है और न तो विद्यार्थियों के पास पुस्तकें व अध्ययन सामग्री है और न ही विद्यार्थी ऑनलाइन कक्षा के माध्यम से अपना सिलेबस पूरा कर पाए है। उन्होंने कहा कि छात्रों के पास ऑनलाइन कक्षा व परीक्षा के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं हैं। दिग्विजय ने कहा कि अन्तिम वर्ष के छात्रों पर आगे की पढ़ाई के लिए प्रवेश परीक्षा का अतिरिक्त दबाव है। ऐसे में अगर डीयू में परीक्षाएं आयोजित की गई तो इससे विद्यार्थियों की सेहत, पढ़ाई व भविष्य पर काफी बुरा असर पड़ सकता है। इनसो राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आग्रह करते हुए कहा कि ऐसे में विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए डीयू के सभी विद्यार्थियों को बिना परीक्षा आंतरिक मूल्यांकन व पिछले परिणाम के आधार पर पास कर विद्यार्थियों को राहत दी जाए।
गौरतलब है कि डीयू में बड़ी संख्या में हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, यूपी से जुड़े छात्र पढ़ते हैं। इनसो डीयू में लगातार सक्रिय है और गत वर्ष डीयू में इनसो ने लॉ फैकल्टी का अहम चुनाव जीतने में भी सफलता हासिल की थी। ऐसे में दिग्विजय चौटाला के परीक्षाएं रद्द कराने के लिए मोर्चा संभालने के बाद छात्रों को डीयू में भी अंतिम वर्ष समेत सभी परीक्षाएं रद्द होने की उम्मीद बंधी है।