3 हजार रुपये लीटर बिक रहा ऊंटनी का दूध, अमेरिका सहित कई देशों में है मांग
कैमल मिल्क और इससे बने मिल्क पाउडर की मांग अमेरिका से लगातार बढ़ रही है और यही वजह है कि एक लीटर दूध की कीमत 3 हजार रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गई है।
नर्इ दिल्ली (जागरण स्पेशल)। राजस्थान और सूरत के लोगों को एक लीटर ऊंटनी के दूध (कैमल मिल्क) दूध के बदले में 3000 रुपये तक की आमदनी हो रही है। इससे पशुपालकों की बल्ले-बल्ले हो गर्इ। कैमल मिल्क की अमेरिका सहित विश्व के कई देशों में काफी मांग है। कैमल मिल्क और इससे बने मिल्क पाउडर की मांग अमेरिका से लगातार बढ़ रही है और यही वजह है कि एक लीटर दूध की कीमत 50 डॉलर तक पहुंच गई है।
उपहार से कम नहीं है कैमल मिल्क
राजस्थान में ऊंट मालिकों के लिए कैमल मिल्क किसी अप्रत्याशित उपहार से कम नहीं है, जो बीकानेर, कच्छ और सूरत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिटों को दूध बेचते हैं। दूध को 200 मिली के टेट्रा-पैक में बेचा जाता है जबकि प्रोसेस्ड पाउडर को 200 और 500 ग्राम के पैकेटों में भरकर बेचा जाता है।
ई-कॉमर्स से राह हुई आसान
ई-कॉमर्स ने आसान बना दिया है, जहां बायर्स और सेलर्स जुड़े होते हैं। एक कंपनी 6000 लीटर कैमल मिल्क हर महीने ऐमजॉन डॉट कॉम पर बेचती है। कंपनी एक साल पहले ऑनलाइन दूध बेचना शुरू किया था। कंपनी के पास 150 दुग्धपालक अपना दूध बेचते हैं।
कई रोगों से लड़ने के लिए बेहतर है कैमल मिल्क
आज के समय में कैमल मिल्क काफी स्पेशल है। ईरान की मसाद यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के शोधकर्ताओं का कहना है कि कैमल मिल्क में गाय के दूध की तुलना में कम लैक्टोज होता है और इस तरह यह उन लोगों के अच्छा विकल्प है जो ज्यादा लैक्टोज नहीं ले सकते। यह डायरिया का कारण बनने वाले वाइरस का एक अच्छा उपचार है। यह आटिज्म, जोड़ों में दर्द, मधुमेह, डेंगू के इलाज के लिए बेहतर माना जाता है।
आसानी से पच जाता है यह दूध
एक अध्ययन के मुताबिक कैमल मिल्क में इंसुलिन की तरह का तत्व होता है और इससे जानवरों में इंसुलिन की जरूरत कम हो जाती है। हालांकि इंसानों पर असर को लेकर अध्ययन नहीं हुआ है। कैमल मिल्क कई तरह के संक्रमण से भी बचा सकता है। इसमें कई पोषक तत्व होते हैं। यह आसानी से पच भी जाता है।