डेल्टा प्लस वैरिएंट पर रोक के लिए तुरंत उठाएं जरूरी कदम, केंद्र ने तीन राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखा पत्र
Delta Plus variant केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) ने मध्य प्रदेश महाराष्ट्र व केरल के मुख्य सचिवों को सतर्क करते हुए लिखित तौर पर नए वैरिएंट डेल्टा प्लस वैरिएंट से संक्रमण न फैले इसलिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
नई दिल्ली, एएनआइ। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश व केरल में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस के आ रहे मामलों को फैलने से रोकने के लिए केंद्र की ओर से तुरंत जरूरी कदम उठाने का आग्रह किया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) ने इन राज्यों के मुख्य सचिवों को सतर्क करते हुए लिखित तौर पर नए वैरिएंट की रोकथाम को लेकर निर्देश दिए हैं।
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण (Health Secretary Rajesh Bhushan) ने पत्र में मुख्य सचिवों से आग्रह किया है कि जिलों में रोकथाम के लिए सभी जरूरी प्रोटोकॉल का पालन किया जाए। इसमें टेस्टिंग को बढ़ाने के साथ ही वैक्सीन को प्राथमिकता देने पर जोर दिया गया है। साथ ही सामूहिक आयोजन व भीड़ को जमा होने से रोकने को कहा गया है। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि मध्यप्रदेश के शिवपुरी व भोपाल, महाराष्ट्र के जलगांव और रत्नगिरी, केरल के पलक्कड और पथनमिट्ठा जिलों में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस से संक्रमण के मामले सामने आए हैं।
The Delta Plus variant has been observed sporadically in Maharashtra, Kerala & MP with around 40 cases identified so far.
These States have been advised for strengthening surveillance & public health measures.@MoHFW_INDIA #Unite2FightCorona #IndiaFightsCorona— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) June 23, 2021
पत्र में यह भी आग्रह किया गया है कि पॉजिटिव लोगों के पर्याप्त सैंपल को INSACOG के लैब में पहुंचने के इंतजाम को सुनिश्चित किया जाए ताकि इसपर जरूरी रिसर्च किया जा सके। सोमवार को मंत्रालय की ओर से बताया गया कि महराष्ट्र, मध्यप्रदेश व केरल में करीब डेल्टा प्लस वैरिएंट के 40 मामले सामने आए। इन तीनों राज्यों को सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक कदम उठाने के साथ निगरानी तंत्र को भी मजबूत बनाने की सलाह दी गई है।
मंगलवार को स्वास्थ्य सचिव ने इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न (VOC) बताया और कहा है कि इस वैरिएंट AY.1 के बारे में पड़ताल जारी है। आज मुख्य सचिवों को भेजे गए पत्र में यह भ्ज्ञी कहा गया गया है कि भारत में अभी AY.1 के मामले कम हैं। इस वैरिएंट के मामले यूरोप, एशिया और अमेरिका में मिले हैं। इस वैरिएंट की पहचान सबसे पहले महाराष्ट्र में टेस्टिंग के दौरान 5 अप्रैल 2021 को की गई।