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एयरसेल मैक्सिस मामले में दिल्ली पटियाला कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम की अंतरिम सुरक्षा बढ़ाई

नई दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने एयरसेल मैक्सिस मामले में कार्ति चिदंबरम की अंतरिम सुरक्षा की अवधि को बढ़ा दी है।

By Srishti VermaEdited By: Published: Wed, 02 May 2018 12:26 PM (IST)Updated: Wed, 02 May 2018 12:34 PM (IST)
एयरसेल मैक्सिस मामले में दिल्ली पटियाला कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम की अंतरिम सुरक्षा बढ़ाई
एयरसेल मैक्सिस मामले में दिल्ली पटियाला कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम की अंतरिम सुरक्षा बढ़ाई

नई दिल्ली (जेएनएन)। एयरसेल मैक्सिस मामले में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम की अंतरिम सुरक्षा बढ़ा दी है। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि मामले को 2 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लाया जाएगा और उसके बाद पटियाला हाउस कोर्ट को इस मामले की सुनवाई करनी चाहिए। अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 10 जुलाई की अनुमति दी है।

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क्या थी एयरसेल-मैक्सिस डील:
-मैक्सिस मलेशिया की एक कंपनी है जिसका मालिकाना हक एक बिजनेस टॉयकून टी आनंद कृण्णन के पास है जिन्हें टैक नाम से भी जाना जाता है। टैक श्रीलंका की तमिल पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाले एक मलेशियाई नागरिक है।
-एयरसेल को सबसे पहले एक एनआरआई टॉयकून सी सिवसंकरन (सिवा) ने प्रमोट किया था, जो कि तमिलनाडु के मूल निवासी थे।
-साल 2006 में मैक्सिस ने एयरसेल की 74 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली थी। बाकी की 26 फीसदी हिस्सेदारी अब एक भारतीय कंपनी, जो कि अपोलो हॉस्पिटल ग्रुप से संबंधित है के पास है। इन 26 फीसदी शेयर का मालिकाना हक सुनीता रेड्डी के पास है जो कि अपोलो के ग्रुप फाउंडर डॉ सी प्रताप रेड्डी की बेटियों में से एक हैं।
-ये डील उस वक्त विवादों के घेरे में आ गई जब 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला उजागर हुआ। तब देश के सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया था कि वो इस मामले में ए राजा के पूर्ववर्ती मंत्रियों की जांच करे।

मामले से जुड़ी अहम बातें:
-सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया कि वो ए राजा से पहले दूरसंचार मंत्री रहे दयानिधि मारन के खिलाफ जांच करे। इस मामले के चलते मारन को अप्रैल साल 2011 में इस्तीफा देना पड़ा था।
-एयरसेल-मैक्सिस डील उस वक्त जांच के घेरे में आ गई जब एयरसेल के मालिक सी सिवसंकरन ने शिकायत दर्ज करते हुए सीबीआई को यह बताया था कि उन पर मैक्सिस को अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए दबाव बनाया गया था।
-दो सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की इस मामले में अलग अलग राय को देखते हुए मैक्सिस कम्युनिकेशंस Berhad ने 25 जुलाई 2014 को तात्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली से यह आग्रह किया था कि इस मामले की निष्पक्ष तरीके से जांच करवाई जाए।
-सीबीआई ने 29 अगस्त 2014 को पूर्व टेलीकॉम मिनिस्टर दयानिधि मारन, उनके भाई कलानिधि मारन, मलेशियाई कंपनी मैक्सिस के ओनर टी आनंद कृष्णन, मैक्सिस ग्रुप के वरिष्ठ कार्यकारी राल्फ मार्शल और सन डायरेक्ट समेत चार अन्य कंपनियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
-एयरसेल मैक्सिस मामले में समन भेजे जाने के 2जी स्पेशल कोर्ट के फैसले के खिलाफ मारन ने 5 फरवरी 2015 को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
-8 जनवरी 2016 को ईडी ने अपनी ताजा चार्जशीट में मारन बंधु, कलानिधि मारन की पत्नी कावेरी मारन, तीन अन्य लोग और दो कंपनियों को शामिल किया।


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