तेरे साथ तो रेप नहीं हुआ न..?
गैंगरेप मामले में इंडिया गेट पर प्रदर्शन करने वाले निहत्थे छात्र छात्राओं पर लाठीचार्ज करने वाली दिल्ली पुलिस का एक और बर्बर चेहरा सामने आया है। एक एसएचओ पर आरोप है कि उसने एक शिक्षिका को हिरासत में लेकर मारपीट की और उससे थाने में झाड़ू-पोछा लगवाया। मामला संसद मार्ग थाने का है।
नई दिल्ली [जासं]। गैंगरेप मामले में इंडिया गेट पर प्रदर्शन करने वाले निहत्थे छात्र छात्राओं पर लाठीचार्ज करने वाली दिल्ली पुलिस का एक और बर्बर चेहरा सामने आया है। एक एसएचओ पर आरोप है कि उसने एक शिक्षिका को हिरासत में लेकर मारपीट की और उससे थाने में झाड़ू-पोछा लगवाया। मामला संसद मार्ग थाने का है।
दुष्कर्म की शिकार युवती की मौत पर शोक संवेदना व्यक्त करने आए अन्य आंदोलनकारियों ने भी पुलिस पर अवैध रूप से हिरासत में रखने तथा अमानवीय व्यवहार करने का आरोप लगाया है। वहीं एसएचओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सोमवार को कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी समेत कई लोगों ने प्रदर्शन किया। मामले के तूल पकड़ता देख पुलिस अधिकारी आरोपों की जांच करने की बात कह रहे हैं।
नजफगढ़ निवासी साक्षी का कहना है कि वह रविवार सुबह गैंगरेप की घटना के विरोध में नारे लिखी तख्ती लेकर इंडिया गेट की तरफ जा रही थी। रास्ते में पुलिसकर्मियों ने उन्हें उधर जाने से मना किया। इस पर उन्होंने दूसरे रास्ते से जाने की कोशिश की। इस पर पुलिस ने बिना पूछताछ किए उन्हें संसद मार्ग थाने ले आई। वहां एसएचओ दिनेश कुमार व एक महिला पुलिसकर्मी ने उसे थप्पड़ जड़ दिए और गालियां देने लगे। उसके चश्मे भी छीन लिए। शाम तक थाने में बिठाकर पुलिस अमानवीय व्यवहार करती रही। साक्षी बताती हैं कि थाने के बाहर समर्थकों को जुटता देख पुलिस ने शाम लगभग 6:30 बजे उन्हें रिहा किया। इसके बाद वह दोबारा जंतर-मंतर पहुंचीं। वहां एसएचओ ने दोबारा बदसलूकी की।
प्रदर्शनकारी भगवान सोलंकी को भी रविवार सुबह नौ बजे अशोक रोड से पुलिस ने हिरासत में लिया था। उन्हें भी संसद मार्ग थाने में रात 8:30 बजे तक हिरासत में बंद रखा गया। उन्होंने बताया कि पुलिस अधिकारियों ने उनके परिवार को फोन कर कई बार धमकी दी। चेतावनी दी गई कि अगर प्रदर्शन में दोबारा शामिल हुए तो मुकदमा दर्ज कर जिंदगी बर्बाद कर देंगे।
जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे वंश गुप्ता, संदीप अग्रवाल तथा ओमप्रकाश गुप्ता को भी रविवार को संसद मार्ग थाने में पूरे दिन अवैध रूप से हिरासत में रखा गया। आरोप है कि उनके साथ मारपीट की गई। वंश गुप्ता का आरोप है थाने में एक पुलिसकर्मी ने उनसे 500 रुपये छीन लिए। उनका जैकेट तक उतरवा लिया था। लिहाजा थाने से छूटने के बाद जंतर-मंतर पर उन्होंने रात ठिठुरते हुए काटी।
वहीं कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी ने साक्षी से मारपीट करने वाले एसएचओ दिनेश कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने की मांग की है। गौरतलब है कि पिछले दिनों संसद मार्ग थाने में हिरासत में रखी गई छात्रा शांभवी और उनकी मां ऊषा सक्सेना ने पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था। उसका कसूर सिर्फ इतना था कि उसने ट्वीट के जरिए लोगों तक पुलिस ज्यादती की दास्तां पहुंचाई थी।
-पुलिस बोली- तेरे साथ तो रेप नहीं हुआ न
एसएचओ व महिला स्टाफ के थप्पड़ मारने के बाद मुझे एक कमरे में बंद कर दिया गया। जहां सुबह करीब 10.30 बजे एक पुलिसकर्मी आया। उसने मुझे वहां चश्मा पहने बैठा देखकर कहा तेरे साथ तो रेप नहीं हुआ है न। इतना कहकर उसने मेरा 10.5 प्वाइंट का चश्मा छीन लिया। मुझे बैठा देखकर कहा गया कि इससे झाडू-पोछा लगवाओ। इसके बाद मुझसे साफ-सफाई करवाई गई। जो दिल्ली पुलिस सामूहिक दुष्कर्म की वारदात के बाद भी महिलाओं के साथ ऐसा रवैया अपना रही है उसका भगवान ही मालिक है। -साक्षी, शिक्षिका
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