दिल्ली-एनसीआर की बिगड़ रही आबोहवा, पराली जलाने वाले वाले राज्यों का इम्तिहान बाकी
दिल्ली व आसपास के क्षेत्रों को जहरीली हवा से बचाने के उन दावों की भी परीक्षा होगी, जिसमें इस बार दिल्ली तक पराली का धुआं न पहुंचने देने का भरोसा दिया गया था।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। दिल्ली और एनसीआर के लिए अगले कुछ दिन काफी अहम होंगे। वजह हवा में लगातार हो रहा बदलाव है, जिसके आने वाले दिनों में कुछ ज्यादा बिगड़ने की संभावना है। हवा की गुणवत्ता पर नजर रखने वाली एजेंसी 'सफर इंडिया' ने भी इसे लेकर अपनी आशंका जताई है।
इसके साथ ही दिल्ली व आसपास के क्षेत्रों को जहरीली हवा से बचाने के उन दावों की भी परीक्षा होगी, जिसमें इस बार दिल्ली तक पराली का धुआं न पहुंचने देने का भरोसा दिया गया था।
हालांकि अभी तक पराली की धुआं तो दिल्ली तक नहीं पहुंचा है, लेकिन पराली जलाने की घटनाओं पर रोकथाम को लेकर किए जा रहे दावों की पोल खुल चुकी है। पंजाब ने जहां पिछले साल के मुकाबले पराली जलाने की घटनाओं में 70 फीसद से ज्यादा की कमी का दावा किया था, लेकिन अब तक यह कमी सिर्फ पचास फीसद के आसपास ही सिमटी हुई है।
जबकि हरियाणा ने इनमें 90 फीसद की कमी का दावा किया गया था, लेकिन अब तक वह सिर्फ 40 फीसद ही कम कर पाया है। आने वाले दिनों में पराली जलाने की घटनाओं में दिखाई दे रही यह कमी और भी कम हो सकती है, क्योंकि दोनों ही राज्यों में बुआई का सीजन अब अगले दो हफ्ते काफी चरम (पीक) पर रहेगा। ऐसे में खेतों की सफाई को लेकर आगजनी की घटनाएं कुछ ज्यादा हो सकती है।
वहीं, सफर इंडिया के अनुमान के मुताबिक सोमवार को दिल्ली में पीएम 10 का स्तर 246 रहा, जबकि बुधवार तक इसके 290 के स्तर तक पहुंचने का अनुमान है। वहीं पीएम 2.5 का स्तर सोमवार को 117 था, जबकि बुधवार को इसके 140 के स्तर पर पहुंचने का अनुमान है। जो बेहद खराब स्थिति होगी।
हवा की बिगड़ती स्थिति और पराली जलाने की घटनाओं में आने वाले दिनों में बढ़ोत्तरी की संभावनाओं को देख केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने दोनों ही राज्यों से रोकथाम की कोशिश को तेज करने को कहा है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक दोनों ही राज्यों के साथ हर दिन सेटेलाइट से मिलने वाली आगजनी की घटनाओं और क्षेत्र को लेकर बातचीत की जा रही है।
इस दौरान मंत्रालय को सबसे ज्यादा अचम्भा हरियाणा को लेकर है, जहां 14 अक्टूबर की स्थिति में पंजाब से ज्यादा पराली जलाने की घटनाएं रिपोर्ट हुई है। पंजाब में जहां 14 अक्टूबर तक पराली जलाने की कुल 699 घटनाएं हुई है, वहीं हरियाणा में 923 घटनाएं हुई है। मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक पराली जलाने की घटनाओं में सबसे अहम पंजाब है, क्योंकि यहां हर साल करीब 1.8 करोड़ टन पराली जला दी जाती है।