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सिर्फ 48 मिनट में पूरा होगा दिल्ली-मेरठ का सफर

दिल्ली से मेरठ के बीच 92 किमी की दूरी अब महज 48 मिनटों में तय होगी। इस रुट के बहुप्रतीक्षित रैपिड रेल ट्रांजिट कारिडोर को मंगलवार को केंद्र सरकार की मंजूरी मिल गई।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Tue, 06 Dec 2016 08:27 PM (IST)Updated: Tue, 06 Dec 2016 11:44 PM (IST)
सिर्फ 48 मिनट में पूरा होगा दिल्ली-मेरठ का सफर

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से मेरठ वाया गाजियाबाद का सफर महज 48 मिनट में पूरा होगा। इस रुट के बहुप्रतीक्षित रैपिड रेल ट्रांजिट कारिडोर को मंगलवार को केंद्र सरकार की मंजूरी मिल गई। 92 किमी इस कारिडोर को बनाने पर कुल लगभग 22 हजार करोड़ रुपये की लागत आयेगी। इस रैपिड रेल ट्रांजिट कारिडोर पर 160 किमी की गति से ट्रेनें चलेंगी।

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केंद्रीय शहरी विकास सचिव राजीव गाबा की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राष्ट्रीय राजधानी प्रक्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) की बैठक में इस महत्वाकांक्षी परियोजना को स्वीकृति दी गई। इस परियोजना के बारे में एक दशक पहले सैद्धांतिक मंजूरी दी गई थी, जिसे अब जमीन पर उतारने का फैसला किया गया है। नेशनल कैपिटल रीजन प्लानिंग बोर्ड की बैठक में 2005 में इस परियोजना का प्रस्ताव रखा गया था। इसके तहत एनसीआर के प्रमुख शहरों को परस्पर जोड़ने की योजना है।

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रैपिड रेल ट्रांजिट कारिडोर का दिल्ली में पहला स्टेशन सराय काले खां होगा। दिल्ली की घनी आबादी से होते हुए गाजियाबाद होते हुए मेरठ के मोदीपुरम टर्मिनस तक जायेगी। सूत्रों के मुताबिक इस 92 किमी लंबी रैपिड रेल ट्रांजिट कारिडोर के निर्माण में 21,902 करोड़ रुपये खर्च होंगे। रेलवे के कोच में हवाई जहाज की तर्ज पर दोनों साइड में दो-दो सीटें होंगी। प्रत्येक ट्रेन में एक बिजनेस क्लास का कोच भी जुड़ा रहेगा।

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तेज रफ्तार वाली ट्रेन 60 किमी ऊपर-ऊपर खंभे पर चलेगी, जबकि 30 किमी की दूरी जमीन के भीतर सुरंग के रास्ते पूरी करेगी। इसके पूरे रास्ते में 17 स्टेशन बनाये जायेंगे, जिनमें 11 एलिवेटेड और छह जमीन के भीतर होंगे। परियोजना बनाने वालों का अनुमान है कि 2024 में यह कारिडोर कुल 7.91 लाख यात्रियों को सफर करायेगी, जबकि 2031 में इस पर लाइन पर 9.20 लाख लोग यात्रा करेंगे। व्यस्त समय और व्यस्त दिनों में यह संख्या और बढ़ जायेगी।

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रैपिड रेल की प्रत्येक ट्रेन में कुल 12 कोच होंगे, जबकि कारिडोर की रफ्तार की क्षमता 180 किमी की बनाई जा रही है। हालांकि ट्रेनों की गति 160 किमी प्रति घंटा ही रखा जाएगा। बोर्ड की बैठक में इस कारिडोर के अलावा दिल्ली-पानीपत और दिल्ली-अलवर को भी मंजूरी दी गई है। बैठक में इसके अलावा सराय काले खां, आनंद विहार, कश्मीरी गेट और एयरो सिटी को परस्पर रैपिड रेल से जोड़ने का फैसला किया है। इससे यात्रियों को शहर के प्रमुख हिस्सों में कम समय में पहुंचने में मदद मिलेगी।


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