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दिल्ली-कोलकाता बुलेट ट्रेन का खाका तैयार, पहले चरण में दिल्ली-वाराणसी

दिल्ली-लखनऊ का किराया 1980 रुपये, दिल्ली-वाराणसी 3240 रुपये होगा...

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Sat, 15 Jul 2017 08:08 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jul 2017 08:08 PM (IST)
दिल्ली-कोलकाता बुलेट ट्रेन का खाका तैयार, पहले चरण में दिल्ली-वाराणसी
दिल्ली-कोलकाता बुलेट ट्रेन का खाका तैयार, पहले चरण में दिल्ली-वाराणसी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ट्रेन के जरिए दिल्ली से लखनऊ, वाराणसी, पटना या कोलकाता जाने वालों के लिए अच्छी खबर है। इस रूट पर 250-300 किलोमीटर की रफ्तार से बुलेट ट्रेन चलाने का सपना साकार होने वाला है। बुलेट ट्रेन चलने के बाद दिल्ली से लखनऊ की दूरी डेढ़ घंटे से कम, वाराणसी की दूरी ढाई घंटे से कम, पटना की साढ़े तीन घंटे से कम तथा कोलकाता की दूरी साढ़े पांच घंटे से कम समय में पूरी होगी। कुल 1474.5 किलोमीटर लंबे दिल्ली-कोलकाता हाईस्पीड रेल गलियारे का निर्माण 2021 से प्रारंभ होने की संभावना है। इस पर लगभग सवा लाख करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।

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अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार कुल 13 वर्षो में पूरी की जाने वाली परियोजना के तीन हिस्से होंगे। पहला, दिल्ली-वाराणसी का हिस्सा 720 किलोमीटर लंबा होगा। इसके निर्माण में आठ साल का वक्त लगेगा और 52,680 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसके तैयार होने पर बुलेट ट्रेन का सफर दो घंटे, 37 मिनट में पूरा होगा।

दूसरा हिस्सा वाराणसी-पटना का होगा। लगभग 228 किलोमीटर लंबे इस हिस्से के निर्माण में दो साल का वक्त लगेगा और तकरीबन 22 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी। बुलेट ट्रेन इस दूरी को मात्र 54 मिनट में पूरा कर लेगी। दिल्ली-वाराणसी हिस्से में दिल्ली, ग्रेटर नोएडा, अलीगढ़, लखनऊ, सुल्तानपुर और जौनपुर स्टेशन शामिल होंगे। दिल्ली का मुख्य टर्मिनल अक्षरधाम मंदिर के नजदीक बनने की संभावना है।

तीसरा और अंतिम पटना-कोलकाता काचरण 531 किलोमीटर लंबा होगा और इसे तीन वर्ष 3 वर्षो में पूरा करने का प्रस्ताव है। बुलेट ट्रेन के जरिए यह सफर महज एक घंटा, 53 मिनट में तय होगा। इस पर 46 हजार करोड़ के खर्च का अनुमान है।

किराया : इस हाईस्पीड ट्रेन का किराया 4.5 रुपये प्रति किलोमीटर आंका गया है। इस हिसाब से दिल्ली से लखनऊ का किराया 1980 रुपये, दिल्ली से वाराणसी का 3240 रुपये तथा दिल्ली से कोलकाता का किराया 6636 रुपये होगा।

इस बीच मुंबई-अहमदाबाद कॉरिडोर पर इस साल सितंबर में काम शुरू होने की बात कही जा रही है। वहीं मुंबई-नागपुर प्रोजेक्ट की मंजूरी की प्रक्रिया अंतिम दौर मंे है।

रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार स्पेन की कंपनी इनको-टिप्सा-आइसीटी ने इस परियोजना की ड्राफ्ट रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को सौंप दी है। कंपनी को दो साल पहले इस हाईस्पीड परियोजना के अध्ययन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।पिछले साल इसने प्राथमिक रिपोर्ट हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन और रेलवे बोर्ड को सौंपी थी। जबकि परसों इसने फाइनल रिपोर्ट का मसौदा रेलवे बोर्ड को सौंपा है। अब तीन महीने बाद कंपनी असली फाइनल रिपोर्ट देगी।

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