सरकार के कामकाज के तरीके पर सुप्रीम कोर्ट ने जताया खेद, जानें पूरा मामला
सुप्रीम कोर्ट के नोटिस पर दिल्ली के न्यायाधीश ने आज पेशी दी। पीठ ने उनसे कहा वह अपनी ओर से किसी योग्य अधिवक्ता को सुप्रीम कोर्ट में पेश होने के लिए भेज सकते थे और अपना कार्य करते रह सकते थे।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली न्यायिक सेवा के एक जज को अपने निजी मामले की सुनवाई में शामिल होने के लिए ड्यूटी से छुट्टी लेने के लिए फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में न्यायाधीशों की पीठ ने सरकार के कामकाज के तरीके को लेकर बुधवार को खेद व्यक्त किया। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि अतिरिक्त जिला न्यायाधीश की नियुक्ति के सिलसिले में होने वाली परीक्षा से जुड़ी सुनवाई में दिल्ली के एक न्यायाधीश के पास सुप्रीम कोर्ट का नोटिस पहुंच गया था। इसीलिए दिल्ली के न्यायाधीश पीठ के समक्ष पेश होने के लिए पहुंचे थे।
न्यायिक अधिकारी को देख भड़का सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने दिल्ली के न्यायिक अधिकारी को कोर्ट में देखकर पूछा- आप यहां क्या कर रहे हैं ? आपकी कोर्ट शुरू होने का क्या समय है ? इस पर दिल्ली के न्यायाधीश ने जवाब दिया-दस बजे।
सरकारी व्यवस्था का बताया दोष
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने पूछा- लेकिन इस समय तो 10.50 बजे हैं, आप यहां पर हैं तो आपकी कोर्ट कैसे कार्य कर रही होगी ? तब दिल्ली के न्यायाधीश ने बताया कि वह कुछ घंटों की छुट्टी लेकर आए हैं। वह सुप्रीम कोर्ट के नोटिस पर पेश होने के लिए आए हैं। इस पर पीठ ने कहा, वह अपनी ओर से किसी योग्य अधिवक्ता को सुप्रीम कोर्ट में पेश होने के लिए भेज सकते थे और अपना कार्य करते रह सकते थे। निश्चित तौर पर यह सरकारी व्यवस्था का दोष है। यह हमारे लिए खेद का विषय है।