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दिल्ली हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी, कानून से ऊपर नहीं है वायुसेना

पीठ ने कहा कि भारतीय वायुसेना को कानून के हिसाब से ही चलना होगा।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 13 Jul 2018 11:48 PM (IST)Updated: Fri, 13 Jul 2018 11:48 PM (IST)
दिल्ली हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी, कानून से ऊपर नहीं है वायुसेना
दिल्ली हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी, कानून से ऊपर नहीं है वायुसेना

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली वायुसेना कर्मी को दो महीने तक मनोवैज्ञानिक वार्ड में रखे जाने के मामले में सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की।

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हाई कोर्ट ने कहा कि वायुसेना कतई न सोचें कि वह कानून से ऊपर है और किसी मरीज को अपनी मर्जी से जब तक चाहे तब तक रख सकती है। न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर और विनोद गोयल की पीठ ने कहा कि आपको (भारतीय वायुसेना) कानून के हिसाब से ही चलना होगा। अपने प्रोटोकाल को कानून के मुताबिक तय कीजिए। आपको मानसिक स्वास्थ्य एक्ट के तहत निर्धारित नियमों को देखना चहिए। मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी।

पीठ ने भारतीय वायुसेना को सुझाव दिया कि वह सेना में बढ़ते तनाव को कम करने के लिए और इस तरह के मामलों से निपटने के लिए अपने नियमों को देखे और उसमें बदलाव करे। साथ ही पीठ ने वायुसेना को आदेश दिया कि वह तत्काल वायुसेना कर्मचारी को उनके पिता के साथ जाने दे और सोमवार को कर्मचारी से जुड़ी तमाम मेडिकल रिपोर्ट अदालत के समक्ष प्रस्तुत करे। बता दें कि 30 वर्षीय कर्मचारी के पिता ने हैबियस कॉर्पस (बंदी प्रत्यक्षीकरण) याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि उनकी बहू की शिकायत पर उनके बेटे को सेना बेस अस्पताल में अवैध रूप से रखा गया है।


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