धूल प्रदूषण: कॉमनवेल्थ गेम्स के दिनों जैसा हो गया फिर से दिल्ली का हाल
दिल्लीवासी सतर्क हो जाएं, धूल-प्रदूषण के मामले में कॉमनवेल्थ गेम्स के दिनों जैसा फिर से यहां का हाल हो गया है।
नई दिल्ली। पुराने बुरे दिनों की दिल्ली में वापसी हो गई है। धूल प्रदूषण का स्तर फिर से इतना बढ़ गया है कि यहां की हवा जहरीली हो गई है, जो फेफड़े संबंधी कई बीमारियों को जन्म देने वाली है। पिछले साल धूल प्रदूषण का जो स्तर पाया गया है, वो वाकई में दिल्लीवासियों के लिए चिंताजनक है। पांच साल बाद एक बार फिर यह स्थिति सामने आई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, पिछले साल एक बार फिर धूल-प्रदूषण का स्तर बढ़कर 261 माइक्रोसॉफ्ट प्रति मीटर क्यूब हो गया। हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, सीपीसीबी के एयर क्वालिटी लेबोरेटरी के हेड डी साहा ने कहा कि इससे पहले इस तरह का स्तर कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान 2010 में पाया गया था। इसके बाद अगले पाचं सालों (2015 तक) में धूल प्रदूषण का स्तर लगभग इसी तरह बना रहा।
हालांकि चेतावनी की घंटी पिछले साल तब बजी, जब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया भर में सबसे ज्यादा धूल प्रदूषण वाले शहरों की लिस्ट में दिल्ली को टॉप पर रखा। इसके बाद दूसरे और तीसरे स्थान पर क्रमश: काहिरा और ढाका थे। वहीं कोलकाता और मुंबई को चाैथे और पांचवें स्थान पर रखा गया। विशेषज्ञों का कहना है कि निर्माण संबंधी गतिविधियों, सड़कों की धूल इत्यादि के कारण यह हाल हुआ है।
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