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जांच रिपोर्ट में देरी से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पहले मोर्चे पर ही बड़ी चुनौती, जानें क्‍या कहते हैं विशेषज्ञ

कोरोना के खिलाफ लड़ाई में टेस्टिंग पहली सीढ़ी है और इस मोर्चे पर ही भारत के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। दिल्ली-एनसीआर में 24 घंटे के भीतर टेस्ट का रिजल्ट ही नहीं मिल पा रहा है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 17 Apr 2021 08:23 PM (IST)Updated: Sat, 17 Apr 2021 08:23 PM (IST)
जांच रिपोर्ट में देरी से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पहले मोर्चे पर ही बड़ी चुनौती, जानें क्‍या कहते हैं विशेषज्ञ
संक्रमण के बढ़ते मामलों वाले राज्यों में जांच रिपोर्ट आने में देरी।

नीलू रंजन, नई दिल्ली। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में टेस्टिंग पहली सीढ़ी है और इस मोर्चे पर ही भारत के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर सारे विशेषज्ञ राज्यों को टेस्टिंग, विशेषतौर पर आरटी-पीसीआर बढ़ाने के लिए कह रहे हैं, लेकिन हालात यह हैं कि दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश जैसे कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में 24 घंटे के भीतर टेस्ट का रिजल्ट ही नहीं मिल पा रहा है। जाहिर है टेस्टिंग के बगैर ट्रीटमेंट, ट्रेसिंग और आइसोलेशन की मुहिम परवान नहीं चढ़ पा रही है।

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देश में कोरोना टेस्टिंग की 2463 लैब हैं, बढ़ते मामलों के चलते जांच रिपोर्ट आने में देरी

देश में कोरोना टेस्टिंग करने वाले कुल 2463 लैब हैं। इनमें से सरकारी 1224 और निजी क्षेत्र के 1183 लैब हैं। इनकी कुल क्षमता प्रतिदिन 15 लाख टेस्टिंग की है। 16 अप्रैल को कुल 14,95,397 टेस्ट किए गए। जाहिर है टेस्टिंग की अधिकतम क्षमता का प्रयोग हो रहा है।

टेस्टिंग की अधिकतम क्षमता को और बढ़ाने की जरूरत

मौजूदा हालात में संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित राज्यों में क्षमता बढ़ाने की जरूरत है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) के एक विज्ञानी ने कहा कि एनसीआर और उत्तर प्रदेश में चार-पांच दिनों में जांच की रिपोर्ट आने की मूल वजह यही है। इन राज्यों में टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत है। आइसीएमआर ने इसके लिए कोशिश शुरू कर दी है और अगले 10-15 दिनों में टे¨स्टग की समस्या को दूर कर लिया जाएगा।

15 लाख है एक दिन में टेस्टिंग की क्षमता

टेस्टिंग के मौजूदा संकट के लिए कोरोना के मामलों में अचानक उछाल को जिम्मेदार बताते हुए आइसीएमआर के विज्ञानी ने कहा कि प्रतिदिन 15 लाख टेस्टिंग की क्षमता पिछले साल सितंबर में ही हासिल कर ली गई थी। जनवरी, 2020 में एक लैब से शुरू कर 2463 लैब और 15 लाख प्रतिदिन टेस्टिंग बड़ी उपलब्धि है।

टेस्टिंग की क्षमता बढ़ाने का प्रयास नहीं किया गया

बाद में कोरोना के मामलों में लगातार गिरावट और टेस्टिंग की कम होती मांग के कारण क्षमता बढ़ाने का प्रयास नहीं किया गया। केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को उन कंपनियों के नाम और कीमत की जानकारी दी जा चुकी है, जहां से टेस्टिंग किट खरीदी जा सकती हैं।

कोरोना के खिलाफ लड़ाई में टेस्टिंग ही कारगर कदम: पीएम मोदी

कोरोना के खिलाफ लड़ाई में टेस्टिंग की अहमियत को लेकर प्रधानमंत्री राज्यों और स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों को कई बार आगाह कर चुके हैं। आठ अप्रैल को मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री ने टेस्टिंग पर सबसे अधिक ध्यान देने की जरूरत बताई थी। प्रधानमंत्री का कहना था कि टेस्टिंग, ट्रीटमेंट, ट्रेसिंग और आइसोलेशन के बल पर पिछले साल हमने कोरोना की लड़ाई जीती थी और इस बार भी यही कारगर कदम हैं। ऐसे में टेस्टिंग की रिपोर्ट में देरी से लड़ाई मुश्किल हो रही है।

आंकड़ों की बात :

- 15 लाख है एक दिन में टेस्टिंग की क्षमता

- 2463 लैब में है कोरोना जांच की सुविधा

- 14.95 लाख जांच हुई 16 अप्रैल को।


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