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एबीसी स्कीम से जुड़ने में देरी अब छात्रों पर पड़ेगी भारी, यूजीसी का उच्च शिक्षण संस्थानों को जल्द इससे जुड़ने का निर्देश

यूजीसी ने इस बीच सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिया है कि वह एबीसी स्कीम को लागू करने के लिए अपने यहां एक नोडल अधिकारी की तैनाती दें। साथ ही संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों को भी इस स्कीम को लेकर जागरूक करें।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 08:55 PM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 11:00 PM (IST)
एबीसी स्कीम से जुड़ने में देरी अब छात्रों पर पड़ेगी भारी, यूजीसी का उच्च शिक्षण संस्थानों को जल्द इससे जुड़ने का निर्देश
स्कीम में छात्र बीच में पढ़ाई छोड़ने के बाद फिर शुरू कर सकेंगे वही कोर्स

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट (ABC) स्कीम से जुड़ने में देरी अब न सिर्फ उच्च शिक्षण संस्थानों को बल्कि वहां पढ़ने वाले छात्रों को भी भारी पड़ेगी। इनमें पढ़ने वाले छात्रों की पढ़ाई का न तो क्रेडिट ट्रांसफर होगा, न ही बीच में पढ़ाई छोड़ने पर उन्हें इसका फायदा मिलेगा। जो छात्रों के लिए एक बड़ा नुकसान होगा। यही वजह है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने सभी विश्वविद्यालय व उच्च शिक्षण संस्थानों को तत्काल इस स्कीम से जुड़ने के लिए कहा है। साथ ही उच्च शिक्षण संस्थानों में संचालित सभी कोर्सों का क्रेडिट स्कोर भी तैयार करने को कहा है।

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यूजीसी ने उच्च शिक्षण संस्थानों को यह निर्देश तब दिया है, जब एबीसी स्कीम लागू किए हुए करीब साल भर होने वाले हैं। यूजीसी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) की सिफारिश के बाद छात्रों के फायदे को देखते जुलाई 2021 में ही इसे लागू करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी थी। हालांकि इसके बाद देश के करीब दो दर्जन विश्वविद्यालयों ने इस व्यवस्था को अपने यहां लागू भी कर दिया है। यूजीसी का मानना है कि छात्रों को इसका सही लाभ तभी मिल पाएगा, जब यह व्यवस्था ज्यादातर संस्थानों में लागू हो जाए। इस बीच यूजीसी ने देश भर के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से इस स्कीम से तत्काल जुड़ने के साथ ही शैक्षणिक सत्र 2021-22 में छात्रों की ओर हासिल किए गए क्रेडिट का ब्योरा भी अपलोड करने को कहा है।

स्कीम के तहत सभी कोर्सों का एक क्रेडिट स्कोर का तैयार किया गया

गौरतलब है कि इस स्कीम के तहत सभी कोर्सों का एक क्रेडिट स्कोर का तैयार किया गया है। जो सेमेस्टर के हिसाब से छात्रों को दिया जाता है व इस बैंक में जमा रहता है। यदि कोई छात्र बीच में अपनी पढ़ाई छोड़कर किसी दूसरे कोर्स में दाखिला लेता है, तो ऐसी स्थिति में उसका पिछला क्रेडिट उनमें जुड़ जाता है। इसके लिए एबीसी पर सभी उच्च शिक्षण संस्थान और छात्रों का एक खाता बनाना होता है, जिसमें उनकी पढ़ाई का पूरा क्रेडिट जमा रहता है। इस दौरान यदि तीन साल के डिग्री कोर्स की पढ़ाई यदि कोई एक साल में छोड़ देता है, तो उसे सर्टिफिकेट मिल जाएगा, वहीं यदि कोई दो साल में पढ़ाई छोड़ देता है, तो उसे डिप्लोमा मिल जाएगा।

संस्थानों को यह कदम भी उठाने होंगे

यूजीसी ने इस बीच सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिया है कि वह एबीसी स्कीम को लागू करने के लिए अपने यहां एक नोडल अधिकारी की तैनाती दें। साथ ही संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों को भी इस स्कीम को लेकर जागरूक करें। साथ ही उन्हें इस स्कीम से फायदा कैसे ले सकते हैं इसके बारे में भी बताएं। मौजूदा समय में देश में एक हजार से ज्यादा विश्वविद्यालय और करीब 42 हजार कालेज शामिल है। हालांकि इस स्कीम के तहत सिर्फ उन्हीं कालेजों को जुड़ना है, जो स्वायत्त संस्थान के रूप में संचालित हैं।


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