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रक्षा दलालों को सजा दिलाने में सीबीआइ का रिकार्ड खराब

नई दिल्ली [नीलू रंजन]। सरकार हेलीकाप्टर घोटाले की सीबीआइ जांच का आदेश कर भले ही आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का संकेत दे रही हो, लेकिन रक्षा सौंदों के दलालों को सजा दिलाने के मामले में देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी का रिकार्ड बेहद खराब है। बोफोर्स से लेकर डेनेल व बराक मिसाइल खरीद तक घोटालों की लंबी फेहरिस्त है,

By Edited By: Published: Thu, 14 Feb 2013 09:51 PM (IST)Updated: Thu, 14 Feb 2013 10:17 PM (IST)
रक्षा दलालों को सजा दिलाने में सीबीआइ का रिकार्ड खराब

नई दिल्ली [नीलू रंजन]। सरकार हेलीकाप्टर घोटाले की सीबीआइ जांच का आदेश कर भले ही आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का संकेत दे रही हो, लेकिन रक्षा सौंदों के दलालों को सजा दिलाने के मामले में देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी का रिकार्ड बेहद खराब है। बोफोर्स से लेकर डेनेल व बराक मिसाइल खरीद तक घोटालों की लंबी फेहरिस्त है, जिन्हें मुकाम तक पहुंचाने में सीबीआइ नाकाम रही है।

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10 साल की लंबी जांच के बाद बोफोर्स घोटाले में सीबीआइ भले ही आरोपपत्र दाखिल करने में सफल रही हो, लेकिन उसके आधार पर एक भी आरोपी को सजा नहीं दिला पाई। यही नहीं, घोटाले के सूत्रधार और प्रमुख आरोपी आक्तोवियो क्वात्रोची के खिलाफ खुद सीबीआइ ने 2010 में केस वापस ले लिया। इस मामले में आरोपी हिन्दुजा बंधुओं के खिलाफ सीबीआइ के सबूतों को दिल्ली हाईकोर्ट ने पहले ही खारिज कर दिया था।

वहीं, दक्षिण अफ्रीका की कंपनी डेनेल से हथियारों की खरीद और इजरायली कंपनी राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम से बराक मिसाइल की खरीद में हुए घोटाले की सात साल तक जांच के बाद भी सीबीआइ किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, अफ्रीका और इजरायल ने अभी तक घोटाले से जुड़े दस्तावेज नहीं भेजे हैं और जांच एजेंसी का लेटर रेगोटरी छह सालों से लंबित है। निकट भविष्य में जवाब आने की उम्मीद भी नहीं है। बराक मिसाइल सौदे में सुरेश नंदा और संजीव नंदा पर दलाली लेने का आरोप है। डेनेल सौदे में विपिन खन्ना आरोपी हैं।

2006 में हुए नेवी वार रूम लीक मामले में सीबीआइ ने नौसेना अफसरों के खिलाफ भले ही आरोपपत्र दाखिल कर दिया है, लेकिन इसका मास्टरमाइंड रवि शंकरन अब भी लंदन में खुला घूम रहा है। उसे भारत लाने की सीबीआइ की तमाम कोशिशें विफल साबित हुई हैं। नेवी वार रूम लीक केस से जुड़ी स्कॉर्पियन पनडुब्बी की खरीद में घोटाले के आरोप भी लगे। इस घोटाले की जांच समुचित तरीके से नहीं करने पर दिल्ली हाईकोर्ट की फटकार के बाद भी सीबीआइ ने कुछ नहीं किया।

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