ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल बैट्री की खरीद को मंजूरी
एसडीआर एक जटिल और अत्याधुनिक संचार प्रणाली है जिसे देश में ही डीआरडीओ बीईएल तथा वैपन इलेक्ट्रानिक्स सिस्टम इंजीनियरिंग स्टैब्लिशमेंट (डब्ल्यूईएसईई) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गय
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। रक्षा उद्योग में स्वदेशीकरण को प्रोत्साहित करने के इरादे से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को अपनी पहली रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए भारतीय नौसेना के लिए स्वदेशी सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो (एसडीआर टैक्टिकल) तथा अगली पीढ़ी की मेरीटाइम मोबाइल तटीय बैटरी (लंबी दूरी) की खरीद को मंजूरी दे दी है।
एसडीआर एक जटिल और अत्याधुनिक संचार प्रणाली है जिसे देश में ही डीआरडीओ, बीईएल तथा वैपन इलेक्ट्रानिक्स सिस्टम इंजीनियरिंग स्टैब्लिशमेंट (डब्ल्यूईएसईई) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है।
रक्षा मंत्रालय ने यहां बताया कि संचार की यह तकनीक सूचना साझा करने, सहयोग तथा उच्च गति से डाटा ट्रांसफर करने और जैम-रोधी क्षमता के साथ वायस कम्युनिकेशन हासिल कर सकती है।
वहीं अगली पीढ़ी की मेरीटाइम तटीय बैटरी (एनजीएमएमसीबी, लम्बी दूरी) को जमीन से जमीन पर मार करने वाली क्रूज मिसाइल सुपरसॉनिक ब्रह्मोस के साथ लैस किया जाएगा और तटों पर तैनात किया जाएगा। एनजीएमएमसीबी भारत रूस संयुक्त उद्यम कंपनी मेसर्स ब्रह्मोस एरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित और निर्मित है।
बता दें कि स्वदेश में विकसित ये दोनों उपकरण अगली पीढ़ी के हैं और सरकार के मेक इन इंडिया कार्यक्रम को प्रोत्साहित करेंगे। गौरतलब है कि रक्षा खरीद में व्यावसायिक सुगमता पर जोर देते हुए डीएसी ने रक्षा खरीद प्रक्रिया 2016 में संशोधन को भी मंजूरी दी है। राजनाथ सिंह द्वारा रक्षा मंत्री का पदभार संभालने के बाद उनकी यह डीएसी की यह पहली बैठक थी।
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