सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर रक्षा मंत्रालय: राफेल डील मामले की अधूरी तस्वीर पेश कर रहे हैं 'सबूत'
सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील से संबंधित तीन दस्तावेजों को सबूत के तौर पर स्वीकार कर लिया है। इस बात को लेकर अब रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर अपना पक्ष रखा है।
नई दिल्ली, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राफेल डील की पुनर्विचार याचिकाओं की सुनवाई की है। सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील से संबंधित तीन दस्तावेजों को सबूत के तौर पर स्वीकार कर लिया है। इस बात को लेकर अब रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर अपना पक्ष रखा है। रक्षा मंत्रालय ने इस बात को दोहराया है कि याचिकाकर्ता राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा से संबंधित दस्तावेजों को आधी-अधूरी और चुनिंदा तस्वीर पेश कर रहे हैं।
रक्षा मंत्रालय ने आगे कहा कि याचिकाकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेज यह बताने में विफल रहे हैं कि मुद्दों को कैसे लिया गया, कैसे उनका हल किया गया और कैसे अधिकारियों से आवश्यक अनुमति ली गई। याचिकाकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत किए गए सबूत और रिकॉर्ड अधूरे और एकमात्र पक्ष दिखाने वाले हैं।
रक्षा मंत्रालय के इस बयान में ये भी कहा गया है कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा मांगी गई सभी जानकारियां उपलब्ध कराई हैं। इसके साथ-साथ केंद्र सरकार ने कैग (CAG) द्वारा मांगे गए सभी रिकॉर्ड और फाइल भी सुप्रीम कोर्ट को उपलब्ध कराई हैं। सरकार की मुख्य चिंता सार्वजनिक क्षेत्र (पब्लिक डोमेन) में राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित संवेदनशील और गोपनीय जानकारी की उपलब्धता से संबंधित है।
बता दें कि केंद्र सरकार पहले याचिका में शामिल सभी दस्तावेजों को विशेषाधिकारी और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताकर सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत करने और सार्वजनिक करने का विरोध कर रही थी। लेकिन बुधवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की इन आपत्तियों को खारिज कर दिया। मालूम हो कि पुनर्विचार याचिका में सुप्रीम कोर्ट के 14 दिसंबर के आदेश को चुनौती दी गई है। इस आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने फ्रांस से 36 राफेल फाइटर प्लेन खरीद प्रक्रिया की जांच का आदेश देने से इंकार कर दिया था।