रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रिटायर सैनिकों के लिए निजी क्षेत्र में मांगी नौकरी, सेना की मदद करने की अपील
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोगों से आर्म्ड फोर्सिस फ्लैग डे फंड में उदारता से योगदान देने की अपील की है और निजी क्षेत्र से हर साल कम उम्र में सेवानिवृत्त होने वाले लगभग 60 हजार सैनिकों को रोजगार के अवसर प्रदान करने का आग्रह किया है।
नई दिल्ली, आइएएनएस। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोगों से आर्म्ड फोर्सिस फ्लैग डे फंड में उदारता से योगदान देने की अपील की है और निजी क्षेत्र से हर साल कम उम्र में सेवानिवृत्त होने वाले लगभग 60 हजार सैनिकों को रोजगार के अवसर प्रदान करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि जिस देश में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिक सशक्त नहीं हो, वहां पर उद्योग और कारोबार कभी भी फल-फूल नहीं सकते हैं।
सैनिकों की मदद करना हमारा कर्तव्य
रक्षा मंत्री ने मंगलवार को यहां सीएसआर कांक्लेव में सशस्त्र सेना झंडा दिवस को संबोधित करते हुए, कहा कि सैनिकों और उनके परिवारों की मदद करना देश की सामूहिक और नैतिक जिम्मेदारी है। सैनिकों का कल्याण, जो हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं, केवल सरकार का दायित्व नहीं होना चाहिए, बल्कि यह सभी का कर्तव्य होना चाहिए। उन्होंने सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण को प्रत्येक नागरिक की नैतिक जिम्मेदारी करार देते हुए सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष में उदारता से योगदान देने की अपील की। राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि जिस देश में राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत नहीं है, वहां उद्योग और व्यवसाय कभी भी फल-फूल नहीं सकते। राजनाथ ¨सह ने बड़े कारपोरेट दानदाताओं के समर्थन की सराहना की जिसके कारण पिछले कुछ वर्षों में कोष में पर्याप्त वृद्धि हुई है।
फंड बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र का स्वागत
सिंह ने सैनिकों व राष्ट्र की भलाई के लिए और भी अधिक योगदान देने के लिए समुदाय का आह्वान किया। पिछले कुछ वर्षो में बड़े कारपोरेट दाताओं के समर्थन की सराहना करते हुए, जिसके कारण फंड में पर्याप्त वृद्धि हुई है। उन्होंने सैनिकों और राष्ट्र की भलाई के लिए और भी अधिक योगदान देने के लिए बिरादरी का आह्वान किया। कार्यक्रम में शीर्ष कारपोरेट प्रमुखों की उपस्थिति के साथ राजनाथ ¨सह ने कहा कि सरकार ने 2014 में सत्ता में आते ही निजी क्षेत्र की शक्ति और देश की प्रगति में इसकी भूमिका को मान्यता दी। उन्होंने कहा कि निजी कंपनियों के लिए हमेशा अछूता माने जाने वाला रक्षा क्षेत्र के स्वागत के लिए अब निजी क्षेत्र पूरी तरह से तैयार है।
सैनिकों और उनके परिवारों की मदद करने की अपील
राजनाथ ने कहा, 'आजादी के बाद से चाहे युद्ध जीतने की बात हो या सीमा पार से आतंकवाद विरोधी गतिविधियां, हमारे जवानों ने सभी चुनौतियों का साहस और मुस्तैदी से मुंहतोड़ जवाब दिया है। इस प्रक्रिया में उनमें से कई ने सर्वोच्च बलिदान दिया और कई शारीरिक रूप से अक्षम हो गए। इनके ऊपर इनके परिवार की पूरी जिम्मेदारी है। इसलिए, यह हमारी परम जिम्मेदारी है कि हम आगे आएं और अपने सैनिकों और उनके परिवारों की हरसंभव मदद करें। यह हमारे वीर जवानों की वजह से है, जो हमेशा सीमाओं पर सतर्क रहते हैं, हम चैन से सोते हैं और बिना किसी डर के अपना जीवन जीते हैं।' रक्षा मंत्री ने बताया कि बड़ी संख्या में सैन्यकर्मी 35 से 40 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते हैं ताकि सशस्त्र बलों की युवा प्रोफाइल बनी रहे।