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एयरफोर्स के AN-32 विमान दुर्घटना में 13 शहीदों को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी श्रद्धांजलि

भारतीय वायुसेना का विमान एएन-32 अरुणाचल प्रदेश में गहरी खाई में दुघर्टनाग्रस्त हो गया था इसमें 13 क्रू मेंबर सवार थे। एमआइ 17 हेलीकॉप्टर ने 11 जून को विमान के मलबे को ढूंढा था।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Fri, 21 Jun 2019 09:23 AM (IST)Updated: Fri, 21 Jun 2019 11:16 AM (IST)
एयरफोर्स के AN-32 विमान दुर्घटना में 13 शहीदों को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी श्रद्धांजलि
एयरफोर्स के AN-32 विमान दुर्घटना में 13 शहीदों को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी श्रद्धांजलि

दिल्ली, एएनआइ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय वायुसेना के एएन-32 (IAF An-32) दुर्घटना में जान गंवाने वाले 13 शहीदों को पालम एयरपोर्ट पर श्रद्धांजलि दी। भारतीय वायुसेना का विमान एएन-32 (IAF An-32) 3 जून को लापता हो गया था। इस विमान में 13 लोग सवार थे। इंडियन एयरफोर्स की ओर से AN-32 विमान के दुघर्टनाग्रस्त होने के बाद उसमें सवार सदस्यों के लिए चलाए जा रहे सर्च आपरेशन में विमान में सवार सभी 13 सदस्यों के शव बरामद कर लिए थे। इसमें से कुछ सदस्यों के शव काफी खराब हालात में बरामद किए गए थे।

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AN-32 एयरक्राफ्ट में ये लोग थे सवार
- विंग कमांडर जीएम चार्ल्स
- स्क्वाड्रन लीडर एच विनोद
- फ्लाइट लेफ्टिनेंट आर थापा
- फ्लाइट लेफ्टिनेंट ए तंवर
- फ्लाइट लेफ्टिनेंट एस मोहंती
- फ्लाइट लेफ्टिनेंट एम के गर्ग
- वारेंट ऑफिसर केके मिश्रा
- सार्जेंट अनूप कुमार
- कारपॉरल शेरिन
- लीड एयरक्राफ्ट मैन एसके सिंह
- लीड एयरक्राफ्ट मैन पंकज
- नॉन कॉम्बैट एंप्लॉयी पुतालीनॉन कॉम्बैट एंप्लॉयी राजेश कुमार

अरुणाचल प्रदेश में भारतीय वायुसेना के एएन-32 विमान दुर्घटना में शहीद स्क्वाड्रन लीडर एच विनोद के शव को उनके घर कोयंबटूर लाया गया। कोयंबटूर के सुलूर में उनके घर शव को पहुंचाया गया। स्क्वाड्रन लीडर एच विनोद 3 जून को अरुणाचल प्रदेश में भारतीय वायुसेना के एएन-32 विमान दुर्घटना में शहीद हो गए थे।

बता दें, भारतीय वायु सेना का विमान एएन-32 अरुणाचल प्रदेश में गहरी खाई में दुघर्टनाग्रस्त हो गया था। उसके बाद से ही इसकी तलाश की जा रही थी। सेना के गरुण कमांडो, पोर्टर और शिकारियों का एक दल इस विमान की तलाश कर रहा था। सेना ने इसकी बरामदगी के लिए स्थानीय शिकारियों की भी मदद ली थी, उसके बाद अब विमान का पता चल सका और सभी शव बरामद कर लिए गए हैं। 

एमआइ 17 हेलीकॉप्टर ने 11 जून को विमान के मलबे को ढूंढा था। उसके बाद 15 पर्वतारोहियों की टीम को वहां उतारा गया था। बाद में तीन और पर्वतारोहियों को वहां भेजा गया था। टीम ने बताया कि घने जंगलों के बीच गहरी खाई में गिरे हेलीकॉप्टर के मलबे से शवों को निकालकर पैदल ही बाहर लाया जा सकता है। उसके बाद वहां से शवों को लाने के लिए इस तरह से प्रयास किए गए। 

बता दें कि अरूणाचल प्रदेश में चीन सीमा के पास वायुसेना का AN-32 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसमें सवार वायुसेना के जवान और अधिकारी शहीद हो गए थे। घटना के बाद भारतीय वायुसेना की सर्च टीम घटनास्थल पर पहुंची थी। जिसके बाद टीम ने विमान में सवार सभी लोगों की मौत की पुष्टि कर दी थी। वायुसेना सूत्रों के अनुसार घने बादलों के कारण दृश्यता बाधित होना दुर्घटना की वजह रही। इंडियन एयरफोर्स ने विमान में सवार सभी जवानों और अधिकारियों के परिजनों को इस बारे में सूचित कर दिया था। भारतीय वायुसेना ने हादसे के दौरान जान गंवाने वाले जवानो को श्रद्धांजलि भी दी।

तीन जून को विमान हुआ था लापता
रूस निर्मित यह एएन-32 विमान तीन जून की दोपहर असम के जोरहाट से चीन की सीमा के निकट मेंचुका एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड जा रहा था। उड़ान भरने के 33 मिनट बाद ही उससे संपर्क टूट गया था। जिसके बाद से तलाशी अभियान जारी था। विभिन्न एजेंसियों के आठ दिनों तक चले खोजी अभियान के बाद विमान का मलबा अरुणाचल प्रदेश में सियांग और शी-योमी जिलों की सीमा पर गट्टे गांव के पास समुद्रतल से 12,000 फीट की ऊंचाई पर वायुसेना के एमआइ-17 हेलीकॉप्टर द्वारा देखा गया था।

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