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रक्षा मंत्री राजनाथ का चीन को जवाब, कहा- अपनी संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा भारत का संकल्प

भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सख्त संदेश देते हुए कहा है कि भारत अपनी संप्रभुता क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा का संकल्प रखता है। इस विवाद को सात महीने हो चुके हैं।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Thu, 05 Nov 2020 01:36 PM (IST)Updated: Thu, 05 Nov 2020 01:54 PM (IST)
रक्षा मंत्री राजनाथ का चीन को जवाब, कहा- अपनी संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा भारत का संकल्प
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिया चीन को जवाब।

नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सख्त लहजे में कहा है कि भारत, अपनी संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा का संकल्प रखता है। उन्होंने कहा कि भारत किसी भी कीमत पर इससे समझौता नहीं कर करता है। क्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को र्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा गतिरोध के सात महीने होने पर कहा कि भारत अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता, एकतरफावाद और आक्रामकता के विरोध में रक्षा करने के लिए दृढ़ संकल्प रखता है।

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के साथ गतिरोध को शांति से सुलझाने की बात की है। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत. बातचीत के माध्यम से मतभेदों के शांतिपूर्ण समाधान को महत्व देता है और सीमाओं पर शांति के रखरखाव के लिए किए गए विभिन्न समझौतों का सम्मान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

नेशनल डिफेंस कॉलेज द्वारा आयोजित एक आभासी संगोष्ठी में उन्होंने कहा कि हालांकि, भारत एक पक्षीयता और आक्रामकता के सामने अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए दृढ़ संकल्पित है।

गौरतलब है कि  भारत और चीन के बीच 6 मई को गतिरोध शुरू हुआ और इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच काफी हद तक संबंध तनावपूर्ण हैं। दोनों पक्षों ने इस विवाद को हल करने के लिए कूटनीतिक और सैन्य वार्ता की एक श्रृंखला आयोजित की। हालांकि, गतिरोध को समाप्त करने में कोई सफलता नहीं मिली है।भारत और चीन के बीच अब तक कई दौर की बातचीत हो चुकी है। भारत और चीन के बीच कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता के आठवां दौर शुक्रवार को होने की संभावना है।

अपने संबोधन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत की सैन्य क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ घरेलू रक्षा उत्पादन को बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी बताया। रक्षा मंत्री ने कहा कि युद्ध को रोकने की क्षमता के माध्यम से ही शांति सुनिश्चित की जा सकती है; हमने क्षमता विकास और स्वदेशीकरण के जरिए निरोध बनाने का प्रयास किया है। 


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