नौसेना की तैयारियों पर रक्षा मंत्री को भरोसा, कहा- हर चुनौती को दे सकती है माकूल जवाब
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं राष्ट्र के समुद्री हितों की रक्षा में नौसेना की भूमिका के लिए भारतीय नौसेना की सराहना करता हूं।
नई दिल्ली, एजेंसी। भारतीय नौसेना ने देश के समुद्री हितों की सुरक्षा के लिए प्रमुख व संवेदनशील स्थानों पर जहाजों और विमानों की मिशन आधारित तैनाती की प्रक्रिया को प्रभावी ढंग से पूरा किया है। चीन के साथ सीमा पर चल रहे तनाव के बीच बुधवार(19 अगस्त) को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह बात कही। रक्षा मंत्री ने नौसेना के शीषर्ष कमांडरों के तीन दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए देश के समुद्री हितों की रक्षा के लिए नौसेना की प्रशंसा की और इसकी तैयारियों पर भरोसा जताया।
रक्षा मंत्री ने कहा, 'मुझे पूरा भरोसा है कि नौसेना जहाजों और विमानों को तैनात करके अपनी तैयारियों से किसी भी चुनौती का माकूल जवाब दे सकती है।' रक्षा मंत्री ने कहा कि चालू वित्त वषर्ष में कोविड--19 के कारण उपजी चुनौतियों को स्वीकारते हुए नौसेना ने परिचालन, प्रशासन एवं आधुनिकीकरण की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है।
राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन समुद्र सेतु के तहत ईरान एवं मालदीव समेत विभिन्न देशों में कोरोना महामारी के कारण फंसे करीब 4,000 भारतीयों की वापसी के अभियान के लिए भी नौसेना की तारीफ की। अधिकारियों ने बताया कि सम्मेलन में हिंद महासागर में चीन से मिलने वाली चुनौती समेत सभी संभावित सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा हुई। हिंद महासागर को रणनीतिक रूप से बहुत अहम माना जाता है। गलवन में चीनी सैनिकों से भारतीय जवानों की हिंसक झ़़डप के बाद चीन को स्पष्ट संदेश देने के लिए नौसेना ने हिंद महासगार क्षेत्र के अग्रिम मोर्चो पर युद्धपोतों और पनडुब्बियों की तैनाती की है।
हिंद महासागर भारतीय सामरिक हितों के लिहाज से काफी अहम है और चीन लगातार क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है। चीन ने दक्षिण पाकिस्तान के ग्वादर और हॉर्न ऑफ अफ्रीका के जिबूती में बंदरगाहों का निर्माण किया है। पिछले कुछ हफ्तों में भारतीय नौसेना ने भी चीन को साफ संकेत देते हुए हिंद महासागर क्षेत्र में अपने कई अग्रिम पंक्ति के युद्धपोत और पनडुब्बियों को तैनात किया है।
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