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महाराष्ट्र में किसानों की कर्जमाफी का एलान

किसानों ने सोमवार से आंदोलन तेज करने का फैसला टाला...

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Sun, 11 Jun 2017 09:54 PM (IST)Updated: Sun, 11 Jun 2017 09:54 PM (IST)
महाराष्ट्र में किसानों की कर्जमाफी का एलान
महाराष्ट्र में किसानों की कर्जमाफी का एलान

राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने प्रदेश के किसानों की कर्जमाफी का एलान कर दिया है। छोटे और सीमांत किसानों को इसका लाभ तुरंत दिया जाएगा। सरकार के इस फैसले के साथ ही किसानों ने सोमवार से अपना आंदोलन तेज करने का फैसला स्थगित कर दिया है।

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महाराष्ट्र में कर्जमाफी सहित कुछ अन्य मांगों को लेकर किसान एक जून से हड़ताल पर हैं। सोमवार से उन्होंने आंदोलन तेज कर सूबे में रेल रोको एवं चक्का जाम करने का फैसला किया था। इससे राज्य की जनता को होने वाली तकलीफों से बचाने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने किसानों से बातचीत के लिए मंत्रियों की एक समिति बनाई थी। रविवार को इस समिति के साथ किसान नेताओं की दूसरे चरण की वार्ता में फैसला हुआ कि छोटे और सीमांत किसानों का कर्ज तुरंत माफ कर दिया जाएगा। जबकि बड़े किसानों को सशर्त कर्जमाफी दी जाएगी। ये शतर्ें एक समिति तय करेगी, जिसमें किसानों के प्रतिनिधि भी होंगे।

कर्जमाफी की घोषणा के बाद छोटे किसान नए कर्ज ले सकेंगे। उनका नाम बैंकों की प्रतिबंधित सूची से हटा दिया जाएगा। बैंकों में बंधक खेतों के कागजात भी लौटा दिए जाएंगे। आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामले भी वापस ले लिए जाएंगे। लेकिन, जिन मामलों में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा है, वे मामले वापस नहीं होंगे।

किसान आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभा रहे 'स्वाभिमानी शेतकरी संगठन' के नेता एवं सांसद राजू शेट्टी ने चेतावनी दी है कि यदि 25 जुलाई से पहले सभी किसानों को कर्जमाफी न मिली तो हम बड़े पैमाने पर और ताकत के साथ सड़कों पर उतरेंगे।

मालूम हो कि राज्य विधानमंडल का वर्षाकालीन सत्र 25 जुलाई से ही शुरू होना है। यदि किसान आंदोलन खत्म करने का रास्ता न निकाला जाता तो यह सत्र सरकार के लिए मुश्किल भरा साबित हो सकता था। विपक्षी दल कांग्रेस व राकांपा तो किसान आंदोलन को हवा दे ही रहे थे, सरकार में साझीदार शिवसेना ने भी जुलाई में सूबे की राजनीतिक में तूफान आने की चेतावनी दे दी थी। किसानों की एक और प्रमुख मांग स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करना रहा है। रविवार को यह भी फैसला हुआ कि इसके लिए मुख्यमंत्री सभी दलों के प्रतिनिधियों के साथ प्रधानमंत्री से मिलकर चर्चा करने जाएंगे।

राज्य पर पड़ेगा भारी बोझ

राज्य में खेती से जुड़े लोगों की संख्या करीब 2.5 करोड़ है। उन्हें इसका लाभ मिलेगा, लेकिन सरकार का अनुमान है कि सिर्फ छोटे एवं सीमांत किसानों को पूरी कर्जमाफी देने की स्थिति में सरकार पर 30,000 करोड़ रुपयों का बोझ पड़ेगा। यदि बड़े किसानों को भी कर्जमाफी दी गई तो यह बोझ 1.1 लाख करोड़ तक पहुंच जाएगा। राज्य सरकार पर पहले से ही चार लाख करोड़ का कर्ज है। तुरंत घोषित की गई कर्जमाफी का लाभ पांच एकड़ से कम खेती वाले 1.07 करोड़ किसानों को मिलेगा। लेकिन, इससे वित्त वर्ष 2018 में राज्य का वित्तीय घाटा बढ़कर 2.71 फीसद तक पहुंच जाएगा। इस घोषणा से बैंकिंग क्षेत्र की हालत और ज्यादा खराब होगी। बैंकिंग क्षेत्र पहले से छह लाख करोड़ के एनपीए की समस्या से जूझ रहा है।

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