पहुंचने लगा गरीबों तक सुधारों का फायदा: अरुण जेटली
नोटबंदी के बाद आये बदलावों को जेटली ने आर्थिक सुधारों के साथ जोड़ कर पेश किया..
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नोटबंदी से देश को क्या फायदा हुए इसको लेकर भले ही विद्वानों में मतभेद हो लेकिन एक तथ्य पर सभी सहमत हैं कि इससे देश को कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है। सरकार को उम्मीद है कि इससे सुधारों को लेकर देश में जो बचा खुचा संदेह का माहौल था वह भी खत्म हो जाएगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली के मुताबिक देश में अब सुधारों के राजनीतिक नुकसान को लेकर अब ज्यादा चर्चा नहीं होती क्योंकि इसके फायदा गांवों तक और गरीब आवाम तक पहुंचने लगा है। आने वाले दिनों में यह प्रक्रिया और तेज होगी।
यहां आइसीआइसीआइ बैंक की तरफ से देश में सौ गांवों को पूरी तरह से डिजीटल तरीके से साक्षर बनाने के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि नोटबंदी के बाद यह साबित हो गया है कि इससे न तो आर्थिक विकास दर की रफ्तार में दो फीसद की गिरावट आई है और न ही घरेलू मांग में कोई कमी हुई है। और न ही खेती किसानी पर कोई विपरीत असर पड़ा है। लेकिन इसके फायदा जरुर दिखाई देने लगे हैं। ज्यादा बुवाई हो रही है। सबसे बड़ा फायदा तकनीकी के तौर पर दिख रहा है कि भुगतान के कई नई तकनीकी सामने आये हैं और हर कोई उसे स्वीकार कर रहा है। खासतौर पर ग्रामीण जनता जिस तरह से नकद रहित भुगतान को अपना रही है वह काफी प्रशंसनीय है।
नोटबंदी के बाद आये बदलावों को जेटली ने आर्थिक सुधारों के साथ जोड़ कर पेश किया और कहा कि पिछले 26 वर्षो से यह चर्चा चल रही है कि इससे गरीबों और वंचितों को फायदा होता है या नहीं। लेकिन नोटबंदी के बाद जो माहौल बना है उसके बाद यह चर्चा भी कम हो गई है। सरकार के पास ज्यादा संसाधन होने और राज्यों की आर्थिक स्थिति में सुधार का फायदा गांवों तक पहुंचने लगी है। उन्होंने आइसीआइसीआइ बैंक की तरफ से गांवों में डिजीटल भुगतान को बढ़ाने देने की कोशिश की प्रशंसा की और उम्मीद जताई है कि अन्य बैंक भी इसका अनुसरण करेंगे। आइसीआइसीआइ बैंक ने सौ मॉडल डिजीटल गांव बनाये हैं। इसके तहत सौ दिनों के भीतर 11300 ग्रामीणों को डिजीटल तौर पर साक्षर बनाया गया है।
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