निपाह के आतंक से खौफजदा लोग, केरल में दो और लोगों की मौत; जांच को भेजे सैंपल
निपाह वायरस का खौफ कम होने का नाम नहीं ले रहा। इस वायरस की जद में आने वाले लोगों की होती लगातार मौत को ध्यान में रखते हुए केरल में हाई-अलर्ट जैसे हालात हैं।
कोझिकोड, (जेएनएन)। केरल में जानलेवा साबित हो रहे निपाह वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा। कोझिकोड के मेडिकल कॉलेज में मंगलवार को दो और लोगों की मौत ने इस वायरस के प्रति डर को और बढ़ा दिया है। आशंका जताई जा रही है इन दो लोगों की मौत भी निपाह वायरस की वजह से हुई है, क्योंकि इनका इलाज मेडिकल कॉलेज के आइसोलेटेड वॉर्ड में चल रहा था।
हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने इन लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे हैं और रिपोर्ट आने पर ही इसकी पुष्टि हो पाएगी। इससे पहले सोमवार तक यह जानलेवा वायरस 10 लोगों को निगल चुका था। इनमें से तीन के निपाह वायरस से ग्रस्त होने की पुष्टि कर दी गई थी। इनमें से तीन लोग एक ही परिवार के थे। निपाह की चपेट में आने वाले परिवार का इलाज करने वाली नर्स लिनी की भी सोमवार सुबह मौत हो गई। नजदीकी मलप्पुरम जिले में भी इन्हीं लक्षणों के साथ पांच लोगों के मौत की खबर है।
इलाके में निपाह से मौतों के बाद अब सिरदर्द और बुखार से पीड़ित नौ लोगों पर खास नजर रखी जा रही है। ज्ञात हो कि पीड़ित को सांस लेने में तकलीफ होना भी वायरस प्रकोप का एक प्रमुख लक्षण है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम केरल भेजी है।
यह वायरस सुअर के अलावा चमगादड़ के जरिए भी फैलता है। माना जा रहा है कि कोझिकोड में चमगादड़ों ने किसी फल को खाया होगा, बाद में वही फल पीड़ित परिवार में से किसी ने खा लिया और वायरस इस वायरस की जद में आ गया। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री शैलजा ने मृतकों के घर में चमगादड़ मिलने की पुष्टि की है। उसे फिलहाल घर में ही बंद कर दिया गया है।
जानवरों व पीड़ितों से संक्रमण
-केरल में निपाह वायरस कैसे फैला, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। लेकिन अभी तक के अनुभवों से पता चला है कि यह जानवरों और पीड़ित मनुष्यों के जरिए फैलता है।
-सबसे पहले सन 1998 में मलेशिया के निपाह नाम के कस्बे में यह वायरस सूअर के जरिए फैला था और इसने कई लोगों की जान ले ली थी।
-इसके बाद इसका प्रकोप सिंगापुर में हुआ था।
-2004 में इसका असर बांग्लादेश में हुआ। इसका वायरस सूअर के अतिरिक्त चमगाद़़ड के जरिए भी फैलता है।
चमगादड़ से फैलने का शक
माना जा रहा है कि कोझिकोड में पेड़ पर रहने वाले चमगादड़ों ने किसी फल को खाया, बाद में वही फल पीड़ित परिवार में से किसी ने खा लिया और वायरस का असर हो गया। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने घर में एक चमगादड़ मिलने की पुष्टि की है। उसे फिलहाल घर में ही बंद कर दिया गया है।
लाइलाज है यह बीमारी
निपाह वायरस से होने वाली बीमारी लाइलाज है। लेकिन राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने सक्रियता दिखाते हुए हाई अलर्ट घोषित कर दिया है और दो नियंत्रण कक्ष स्थापित कर सिरदर्द और बुखार पीड़ितों पर नजर रखी जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि घबराने की जरूरत नहीं है, वायरस ने उन्हीं पर हमला किया जो पीड़ितों के नजदीक थे।
जेनेवा से नड्डा ने की राज्य के मंत्री से बात
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम नई दिल्ली से केरल भेजी है। जेनेवा में मौजूद नड्डा ने इस बाबत राज्य के स्वास्थ्य मंत्री शैलजा से बात की है।
अन्य राज्यों में फैलने की आशंका कम : विशेषज्ञ
दिल्ली स्थित सर गंगाराम अस्पताल के मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ कंसल्टेंट अतुल गोगिया ने बताया कि इस वायरस के अन्य राज्यों में फैलने की आशंका नहीं है। यह एक प्रकार का वायरल इंफेक्शन है, जो श्वसन तंत्र और सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है।