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    किलर कफ सीरप: 700 से ज्यादा कंपनियों की जांच, राज्यसभा में अनुप्रिया पटेल ने दिया जवाब

    Updated: Tue, 02 Dec 2025 05:33 PM (IST)

    केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने संसद में बताया कि मध्य प्रदेश में कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद 700 से अधिक कंपनियों की जांच हो रह ...और पढ़ें

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    राज्यसभा में अनुप्रिया पटेल ने दिया जवाब

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने मंगलवार को संसद में अहम जानकारी पेश दी। मंत्री ने बताया मध्य प्रदेश में खराब सीरप पीने से बच्चों की मौत के बाद 700 से ज्यादा कफ सीरप बनाने वाली कंपनियों की कड़ी जांच की जा रही है।

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    मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा पंढुर्ना और बैतूल जिलों के 26 बच्चों की कोल्ड्रिफ कफ सीरप पीने के बाद किडनी फेल होने से मौत हो गई थी।

    700 से अधिक कफ सिरप कंपनियां जांच के दायरे में

    पटेल ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा, 'राज्य अधिकारियों के साथ मिलकर 700 से ज्यादा कफ सीरप बनाने वाली कंपनियों का ऑडिट किया गया है। केंद्र और राज्य के दवा रेगुलेटर द्वारा सिरप फॉर्मूलेशन की मार्केट सर्विलांस सैंपलिंग भी बढ़ाई गई है।'

    उन्होंने कहा कि कच्चे माल की टेस्टिंग की मौजूदा जरूरतों के अलावा, इंडियन फार्माकोपिया कमीशन, गाजियाबाद ने इंडियन फार्माकोपिया (IP) 2022 में एक बदलाव किया है, ताकि मार्केट में रिलीज होने से पहले ओरल लिक्विड में तैयार प्रोडक्ट स्टेज पर डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) और एथिलीन ग्लाइकॉल (EG) की टेस्टिंग भी जरूरी हो सके।

    कोल्ड्रिफ में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा अधिक

    मंत्री ने बताया कि सरकार ने रिपोर्ट किए गए मामलों की डिटेल में जांच की है, जिसमें इलाज करने वाले प्राइवेट डॉक्टरों और आस-पास के रिटेल स्टोर से 19 दवा के सैंपल इकट्ठा किए गए।

    रिपोर्ट में पता चला कि यह मौत श्रीसन फार्मास्युटिकल द्वारा बनाए गए सीरप कोल्ड्रिफ में DEG की मात्रा की वजह से हुई।

    पटेल ने बताया कि मरे हुए बच्चों द्वारा पिए गए सीरप कोल्ड्रिफ में DEG की मात्रा 46।28 प्रतिशत वजन के हिसाब से (w/v) पाई गई, जो 0।1 प्रतिशत की तय लिमिट से काफी ज्यादा थी।

    श्रीसन फार्मास्युटिकल्स ने किया मानकों का उल्लंघन 

    इसके बाद सरकार ने श्रीसन फार्मास्युटिकल्स की जगह का इंस्पेक्शन किया और पाया कि दवा की स्टोरेज सहित कई जरूरी मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस (GMP) के उल्लंघन हुए हैं।

    CDSCO ने तमिलनाडु सरकार के साथ मिलकर मैन्युफैक्चरर के खिलाफ क्रिमिनल एक्शन लिया है। साथ ही मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस भी कैंसिल कर दिया गया है।

    इसके अलावा इस घटना के बाद मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा और पुडुचेरी ने तुरंत कोल्ड्रिफ पर बैन लगा दिया।