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हीटर की गर्मी में कटेंगे विदेशी कछुओं के दिन, जानिए- क्या है मामला

मध्य प्रदेश में तस्करों से एक साल पहले पकड़े गए थे छह विदेशी कछुए। वन विहार नेशनल पार्क में एक साल से की जा रही खातिरदारी।

By Nitin AroraEdited By: Published: Sat, 26 Oct 2019 09:56 AM (IST)Updated: Sat, 26 Oct 2019 10:39 AM (IST)
हीटर की गर्मी में कटेंगे विदेशी कछुओं के दिन,  जानिए- क्या है मामला
हीटर की गर्मी में कटेंगे विदेशी कछुओं के दिन, जानिए- क्या है मामला

भोपाल, नईदुनिया। मध्य प्रदेश के भोपाल में वन विहार नेशनल पार्क के छह विदेशी कछुओं को तस्करों से तो आजादी मिल गई, लेकिन ठंड से नहीं मिली है। इन्हें आने वाले ठंड के दिन हीटर की गर्मी के सहारे ही काटने पड़ेंगे। सुलकाटा प्रजाति के ये कछुए पिछले एक साल से यहां रह रहे हैं। यह प्रजाति अफ्रीका महाद्वीप के चाड, सूडान, बुर्किना फासो, नाइजीरिया, सेनेगल व इथोपिया में ही पाई जाती हैं। इन्हें गर्म इलाकों में रहने की आदत है और ज्यादा ठंड बर्दाश्त नहीं कर पाते।

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इसके चलते वन विहार में इन्हें एक बंद कमरे में रखा जाता है। इस कमरे का तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रखा जाता है। बीते साल भी ऐसा ही करना पड़ा था, क्योंकि ठंड के दिनों में भोपाल में तापमान छह से आठ डिग्री सेल्सियस चला जाता है। ये कछुए 26-27 नवंबर 2018 की दरमियानी रात सिवनी जिले में पुलिस व वन विभाग की संयुक्त कार्रवाई में पकड़े गए थे। इन्हें दो तस्कर कोलकाता से मुंबई ले जा रहे थे।

वन विभाग कछुओं को उनके देश भेजने की कवायद कर रहा है, लेकिन एक साल बाद भी सफलता नहीं मिली है। स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (एसटीएसएफ) की छानबीन में पता चला है कि कछुओं को बांग्लादेश के रास्ते अफ्रीका से भारत लाया गया था। मध्य प्रदेश वन्यप्राणी विभाग के तत्कालीन चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन शाहबाज अहमद ने नवंबर 2018 में कहा था कि कछुओं को उनका प्राकृतिक रहवास स्थान उपलब्ध कराना जरूरी है, इसलिए उन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। तब उन्होंने कछुओं को वाइल्ड लाइफ कंट्रोल ब्यूरो दिल्ली को भेजने की बात कही थी, इस पर राज्य शासन ने भी सहमति दे दी थी।

भोपाल में वन विहार नेशनल पार्क में मौजूद कछुए

मध्य प्रदेश के प्रधान मुख्य वन बल प्रमुख ने कहा कि पता चला है कि ये कछुए सेनेगल के हैं, इसलिए सेनेगल भेजने को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं। अभी तक वहां से कोई जवाब नहीं मिला है। विभाग की तरफ से सभी प्रयास किए जा रहे हैं। फिलहाल इन्हें वन विहार नेशनल पार्क में ही रखेंगे।


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