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कभी खुद ही भारत आना चाहता था दाऊद

भारत का मोस्टवांटेड आतंकी कभी खुद ही वापस आना चाहता था। इसके लिए उसने बाकायदा कोशिश भी की थी। उसकी कठिन शर्तें तत्कालीन महाराष्ट्र सरकार को रास नहीं आई थी। वरिष्ठ पत्रकार शीला रावल ने अपनी नई किताब में यह खुलासा किया है।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Sat, 12 Dec 2015 07:40 PM (IST)Updated: Sun, 13 Dec 2015 02:00 PM (IST)
कभी खुद ही भारत आना चाहता था दाऊद

नई दिल्ली। भारत का मोस्टवांटेड आतंकी कभी खुद ही वापस आना चाहता था। इसके लिए उसने बाकायदा कोशिश भी की थी। उसकी कठिन शर्तें तत्कालीन महाराष्ट्र सरकार को रास नहीं आई थी। वरिष्ठ पत्रकार शीला रावल ने अपनी नई किताब में यह खुलासा किया है। शीला रावल की किताब मुंबई में दाऊद इब्राहिम के अपराधिक साम्राज्य पर है, जिसे एक पत्रकार के रूप में उन्होंने करीब से देखा था।

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"द गाडफादर आफ क्राइमः फेस टू फेस विद इंडियाज मोस्ट वांटेड" नामक किताब में शीला रावल ने छोटा शकील के टेलीफोन पर लिए गए साक्षात्कार का जिक्र किया है। इसी साल जुलाई में लिए गए साक्षात्कार में छोटा शकील ने 1994 में ही दाऊद इब्राहिम के भारत लौटने की योजना के बारे में बताया था। बाद में वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने छोटा शकील के दावे को सही बताते हुए कहा था कि उस समय वह लंदन में दाऊद इब्राहिम से मिले थे।

जेठमलानी ने दाऊद इब्राहिम के वापस लौटने की इच्छा के बारे में महाराष्ट्र सरकार को बता दिया था। लेकिन उस समय राज्य के मुख्यमंत्री शरद पवार ने इसका विरोध किया था। शरद पवार ने भी जेठमलानी और छोटा शकील के दावे पर मुहर लगाते हुए कहा कि मुंबई हमले के असली गुनाहगार ने वापसी की कुछ शर्तें रखी थी, जिन्हें राज्य सरकार स्वीकार नहीं कर सकती थी। इसीलिए प्रस्ताव ठुकरा दिया गया था। दरअसल मुंबई के आतंकी हमले की जांच में असली गुनहगार के रूप में सामने आए दाऊद इब्राहिम को विशेष सुविधा देना सरकार के लिए संभव नहीं था।

दिग्गजों का राज खुलने का डर था : वैसे शीला रावल ने अपनी किताब में दाऊद की सशर्त वापसी को नामंजूर करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले के पीछे असली कारणों पर कुछ नहीं लिखा है। लेकिन जेठमलानी के कथन का जिक्र किया है, जिसमें उन्होंने अंडरवर्ल्ड सरगना की वापसी के बाद मुंबई के कई दिग्गजों के राज खुलने के डर को असली वजह बताया था। जेठमलानी के अनुसार यह अकेले शरद पवार का फैसला नहीं था। इसमें केंद्र की तत्कालीन पीवी नरसिंह राव की सरकार की भी पूरी भागीदारी थी।

शकील ने कहा, अब नहीं लौटेंगे दाऊद : वैसे छोटा शकील ने साफ कर दिया है कि 21 साल बाद अब दाऊद इब्राहिम के वापस लौटने का कोई सवाल नहीं उठता है। वापसी की कोशिशों को दाऊद को फंसाने की साजिश करार देते हुए शकील ने कहा कि अब दाना डालने का कुछ फायदा नहीं होगा। वह जानते हैं कि भारत में उन्हें अदालत में अपना पक्ष साबित करने का मौका नहीं दिया जाएगा।


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