कराची में ठाठ की जिंदगी जी रहा है दाऊद
अंडरवल्र्ड डॉन और भारत के मोस्ट वांटेड भगौड़े दाऊद इब्राहिम की आवाज पश्चिमी देश की एक खुफिया एजेंसी ने रिकॉर्ड की है। यह संभवत: पहली बातचीत है, जिसमें दाऊद पाकिस्तान के कराची शहर से अपने कारोबार के बारे में फोन पर दुबई बात कर रहा है। पाकिस्तान में दाऊद इतना
नई दिल्ली। अंडरवल्र्ड डॉन और भारत के मोस्ट वांटेड भगौड़े दाऊद इब्राहिम की आवाज पश्चिमी देश की एक खुफिया एजेंसी ने रिकॉर्ड की है। यह संभवत: पहली बातचीत है, जिसमें दाऊद पाकिस्तान के कराची शहर से अपने कारोबार के बारे में फोन पर दुबई बात कर रहा है। पाकिस्तान में दाऊद इतना निडर है कि वह फोन पर बातचीत में वह एक कारोबारी को कहता है कि मैं प्रधानमंत्री से कम नहीं हूं, मैं ही कोर्ट हूं और मैं ही जज हूं। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि दाऊद भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी है। हम पाकिस्तान को उसे भारत को सौपने की मांग करते रहे हैं, देखते हैं पाकिस्तान कबतक उसे भारत को सौंपता है। उधर, गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने भी कहा है कि दाऊद पाकिस्तान में ही है। उन्होंने कहा कि दाऊद के पाक में मौजूदगी को लेकर भारत, पाकिस्तान को अबतक कई सबूत दे चुका है।
एक हिन्दी समाचार चैनल पर प्रसारित इस रिकॉर्डिंग में दाऊद दुबई के अपने संपर्क सूत्र से एक जमीन के सौदे के बारे में बात कर रहा है। दुबई के अपने कारोबारी सहयोगी जावेद से बातचीत में दाऊद शान से बताता है कि दुबई में उसकी 5 लाख वर्गफीट की जमीन है, जिसकी कीमत करीब 1100 करोड़ रुपये है। दुबई में जमीनों के सौदे उसकी अनुमति के बगैर नहीं होते हैं। इस बातचीत में दाऊद रियल एस्टेट एजेंट यासिर से भी बात करता है, जो पाकिस्तान के एक बड़े उद्योगपति का बेटा बताया जाता है। दाऊद यह भी दावा करता है कि कराची में उसकी सैकड़ों करोड़ की बेनामी संपत्ति है।
पाकिस्तान में छिपे होने की पुष्टि
इस बातचीत के सर्विलांस रिकॉर्ड में दाऊद की लोकेशन कराची के क्लिफटोन इलाके में बताई गई है। जो दाऊद के पाकिस्तान में छिपे होने की पुष्टि करती है।
फोन पर यह कहा दुबई में जावेद को
* मैं जब यहां [पाकिस्तान] हूं तो वे मेरी आंखें हैं। मेरे लोग मेरी आंखें है, वे ही मेरा मुंह हैं। वे जो देखते हैं, मुझे बताते हैं कि क्या करना है, क्या नहीं करना है। मैं तो यहां बैठा हूं। पूरी दुनिया से मेरे पास इन्फॉर्मेशन आती है। अगर इन्फॉर्मेशन गलत होगी तो मैं मिसगाइड हो जाऊंगा। प्रधानमंत्री हर सड़क पर नहीं जाता है। लोग उनके पास आते हैं और बताते हैं कि क्या हो रहा है और उसके बाद वे डिसीजन लेते हैं। मैं भी यही करता हूं।
* मैं लिखत-पढ़त नहीं करता। क्योंकि मैं कोर्ट नहीं जाता। मैं खुद ही कोर्ट हूं, मैं ही जज हूं। मैं किसी के साथ नाइंसाफी नहीं करता और न अपने साथ होने देता हूं। समझ गए न?
* मैं तुम्हें साफ लफ्जों में कह चुका हूं कि जो तुमने मुझे लिखकर दिया और जो मैंने तुम्हें लिखकर दिया उससे ज्यादा जरूरी है कि तुम वह सुनो, जो मैं कह रहा हूं। यह ज्यादा जरूरी है। लिखा हुआ फाड़ा जा सकता है। समझ गए?
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