Move to Jagran APP

Data Protection Bill : कैबिनेट में मिल सकती है डेटा प्रोटेक्शन बिल को मंजूरी, ये होगा फायदा

मोदी सरकार डेटा प्रोटेक्शन बिल को संसद के मौजूदा सत्र में ही पेश कर सकती है।

By Tilak RajEdited By: Published: Tue, 03 Dec 2019 08:48 PM (IST)Updated: Tue, 03 Dec 2019 08:48 PM (IST)
Data Protection Bill : कैबिनेट में मिल सकती है डेटा प्रोटेक्शन बिल को मंजूरी, ये होगा फायदा
Data Protection Bill : कैबिनेट में मिल सकती है डेटा प्रोटेक्शन बिल को मंजूरी, ये होगा फायदा

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विशेष परिस्थितियों में अहम और संवेदनशील डेटा तक राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों की पहुंच का विकल्प प्रदान करने वाले और कंपनियों पर देश में ही डेटा रखने का प्रावधान तय करने वाले डेटा प्रोटेक्शन बिल को संसद के मौजूदा सत्र में ही पेश कर सकती है। यह बिल बुधवार को होने वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में पारित हो सकता है।

loksabha election banner

डेटा को देश में ही रखने का नियम बनाना विधेयक का अहम हिस्सा

पिछले कुछ दिनों से सरकार डेटा की सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा की स्थिति में डेटा तक एजेंसियों की पहुंच बनाने के विकल्प पर विचार कर रही थी। इसके अतिरिक्त लोगों के डेटा को देश में ही रखने का नियम बनाना भी इस विधेयक का एक अहम हिस्सा होगा। सूत्रों के मुताबिक विधेयक में इस क्षेत्र के लिए एक रेगुलेटर बनाने का प्रावधान भी होगा।

विधेयक के मसौदे में हुए कई संशोधन

सरकार ने डेटा प्रोटेक्शन के लिए जस्टिस बीएन श्रीकृष्णा की अध्यक्षता में एक कमेटी बनायी थी। इस कमेटी ने बीते वर्ष अपनी सिफारिशों के साथ डेटा प्रोटेक्शन कानून का मसौदा भी सरकार को सौंपा था। बाद में सरकार ने इसे सार्वजनिक चर्चा के लिए जारी कर इसमें संशोधन किये। अब इसके मसौदे को कैबिनेट की अनुमति के लिए प्रस्तुत किया जा रहा है।

खबरों के मुताबिक, प्रस्तावित विधेयक में डाटा सुरक्षा के नियमों के उल्लंघन पर 15 करोड़ रुपये या कंपनी के कुल टर्नओवर के चार फीसद जुर्माना लगाने का प्रावधान है। पिछले दिनों में वाट्सएप पर डाटा की सुरक्षा में लगी सेंध के बाद सरकार और सतर्क हो गई है। इस मामले को लेकर बवाल मचा था। वाट्सएप मामले में रवि शंकर प्रसाद ने कहा था कि सरकार निजता को गंभीरता से लेती है और सूचना की गोपनीयता इसी का हिस्सा है। बता दें कि सरकार ने पिछले साल विधेयक का मसौदा जारी किया था, जिसका कई वैश्विक कंपनियों ने विरोध किया था। कंपनियों का कहना था कि इससे उनका कारोबार प्रभावित होगा। साथ ही परिचालन व्यय भी बढ़ेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.