उद्योगों के लिए जन्नत बनेगा जम्मू-कश्मीर, कुछ इस तरह तैयार किया जा रहा जमीन का डाटा बैंक
केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में अगले वर्ष निवेशक सम्मेलन आयोजित करने की तैयारी कर रही है। इसमें एक लाख करोड़ का निवेश जुटाने का लक्ष्य रखा गया है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। नया जम्मू-कश्मीर तेज आर्थिक विकास की जमीन तैयार करने में जुट गया है। उद्योगों को आकर्षित करने के लिए लैंड बैंक बनाया जा रहा है ताकि उन्हें उचित दर पर जमीन उपलब्ध करवाई जा सके। राज्य प्रशासन ने जमीन का डाटा बैंक बनाना शुरू कर दिया है। प्रदेश में अब तक करीब 18 हजार कनाल भूमि को चिह्नित कर लिया गया है। सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नर इस पर काम कर रहे हैं।
केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में अगले वर्ष निवेशक सम्मेलन आयोजित करने की तैयारी कर रही है। इसमें एक लाख करोड़ का निवेश जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। इस नए केंद्र शासित प्रदेश को हजारों करोड़ के प्रस्ताव पहुंच भी चुके हैं। ऐसे में चुनौती नए उद्योगों को जमीन उपलब्ध करवाने की है।
जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद कई बड़े समूहों ने जम्मू-कश्मीर में निवेश की घोषणा की थी। चार माह में 35-40 समूहों ने अपने प्रोजेक्ट प्रशासन को सौंपे हैं। इन निवेश में सबसे बड़ी चुनौती पर्याप्त जमीन उपलब्ध करवाने की है। प्रदेश सरकार के पास अपना लैंड बैंक न होने के कारण अभी यह सभी प्रोजेक्ट लंबित पड़े थे।
जम्मू और कश्मीर में भी देखी जगह
प्रशासन ने फिलहाल करीब 18 हजार कनाल भूमि को चिह्नित किया है। इसमें से 10 हजार कनाल भूमि जम्मू संभाग के जम्मू और सांबा जिलों में है। इसके अलावा गांदरबल और कुपवाड़ा में भी जगह चिह्नित की गई है। इस बात की पुष्टि करते स्टेट इंडस्टि्रयल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक रवींद्र कुमार ने कहा कि प्रशासन पहले ही यह साफ कर चुका है कि उनके पास पर्याप्त जगह है।
इन क्षेत्रों में हैं संभावनाएं
जम्मू-कश्मीर में सेब उद्योग, सूखे मेवे, केसर, होटल और पर्यटन क्षेत्र में सबसे अधिक रुचि दिखाई जा रही है। लैमन ट्री समूह ने भी होटल बनाने में रूचि दिखाई थी। इसके अलावा अन्य कई समूह भी होटल बनाने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
पहले नहीं खरीद सकते थे जमीन
जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन से पहले राज्य से बाहर का कोई भी व्यक्ति यहां पर जमीन नहीं खरीद सकता था। यहां पर सिर्फ स्टेट सब्जेक्ट वाले लोग ही जमीन खरीद सकते थे।