दार्जिलिंग में अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी, पर्यटन सेवा बाधित
छले कुछ दिनों से जब से बंगाल समर्थित तृणमूल कांग्रेस और जीजेएम के समर्थकों के बीच तनाव शुरू हुआ है, "पहाड़ों की रानी" कहलाई जाने वाली दार्जिलिंग एक युद्धक्षेत्र बन चुकी है।
दार्जिलिंग (आइएएनएस)। उत्तर पश्चिम बंगाल की पहाड़ियों ने शनिवार को गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के द्वारा बंद के आह्वान के बाद अपना प्रदर्शन जारी रखा। जीजेएम के सहायक महासचिव बिनाय तमांग के घर छापा मारने के विरोध में पार्टी ने बंद का आह्वान किया था। पिछले कुछ दिनों से जब से बंगाल समर्थित तृणमूल कांग्रेस और जीजेएम के समर्थकों के बीच तनाव शुरू हुआ है, "पहाड़ों की रानी" कहलाई जाने वाली दार्जिलिंग एक युद्धक्षेत्र बन चुकी है। इसी प्रकार से दो दिन पहले पुलिस ने दार्जिलिंग जिले में पार्टी प्रमुख बिमल गुरुंग के घर पर छापा मारा था।
तमांग ने यह भी दावा किया कि जीजेएम के विधायक अमर राई के बेटे विक्रम राय को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। अमर राई का कहना है कि उनके बेटे का कोई राजनीतिक जुड़ाव नहीं है। "हम आपको ये सूचित करते हुए आश्चर्यचकित हैं कि विक्रम राय जो एक लोकल जर्नलिस्ट है, कल रात उनको गिरफ्तार कर लिया गया है। वे कोलकाता स्थित कई मीडिया हाउस से जुड़े हैं साथ ही कोलकाता के एक नामी टीवी चैनल में स्ट्रिंगर भी हैं। तमांग ने अपने बयान में कहा कि, अगर दार्जिलिंग में लोकल जर्नलिस्ट तक सुरक्षित नहीं हैं तो और कौन सुरक्षित हो सकता है। "दार्जिलिंग क्षेत्र में एक वर्चुअल आपातकाल की स्थिति बन चुकी है।"
इधर, तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता देवराज गुरुंग ने दावा किया कि, जीजेएम के समर्थकों ने लाबांग कार्ट रोड स्थित उनके निवास पर पत्थर फेंका और और पेट्रोल फेककर आग लगाने की कोशिश की। बीजेनबारी में एक पीडब्ल्यूडी (सार्वजनिक कार्य विभाग) के कार्यालय में जीजेएम समर्थकों द्वारा आग लगा दी गई थी। इस आंदोलन ने क्षेत्र में पर्यटन सेवा बाधित कर दी है।
एक रेलवे अधिकारी के मुताबिक, हड़ताल को देखते हुए यात्रियों और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए दार्जिलिंग हिमालयी रेलवे (डीएचआर) की टॉय ट्रेन सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं। जीजेएम ने सोमवार को दार्जिलिंग और कालीम्पोंग पहाड़ियों में अनिश्चितकालीन आम हड़ताल की घोषणा की थी। राज्य के विद्यालयों में बंगाली भाषा अनिवार्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के फैसले के विरोध में जिले और डूवार (जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार जिले के हिस्सों को कवर करने वाले हिमालय की तलहटी) में भी हड़ताल बुलाया गया। हालांकि मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि पहाड़ी जिले में नया नियम नहीं लगाया जाएगा।