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दलित शब्द शब्दकोष से निकाल देना चाहिए : सोलंकी

हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ के राज्यपाल प्रोफेसर कप्तान सिह सोलंकी ने कहा कि स्वतंत्र भारत में दलित शब्द की कोई जगह नहीं है। हम सब एक हैं। इसलिए दलित शब्द को शब्दकोष से निकाल देना चाहिए। आज किसी ने स्वयं को दलित कहकर परिचय दिया तो बहुत दुख हुआ।

By Manoj YadavEdited By: Published: Mon, 07 Dec 2015 08:05 AM (IST)Updated: Mon, 07 Dec 2015 08:07 AM (IST)
दलित शब्द शब्दकोष से निकाल देना चाहिए : सोलंकी

रोहतक। हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ के राज्यपाल प्रोफेसर कप्तान सिह सोलंकी ने कहा कि स्वतंत्र भारत में दलित शब्द की कोई जगह नहीं है। हम सब एक हैं। इसलिए दलित शब्द को शब्दकोष से निकाल देना चाहिए। आज किसी ने स्वयं को दलित कहकर परिचय दिया तो बहुत दुख हुआ।

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बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के निर्वाण दिवस पर यहां आयोजित कार्यक्रम में सोलंकी ने बताया कि समारोह में मुलाकात के दौरान किसी ने स्वयं को दलित नेता कहकर परिचय दिया, जिससे उन्हें बहुत दुख हुआ। राज्यपाल ने जात-पात पर कटाक्ष करते हुए कहा कि क्या किसी बीमारी के इलाज के लिए अलग जाति के लिए अलग दवा होती है।

क्या किसी मनुष्य के शरीर या फिर उसके खून में फर्क है? सोलंकी ने कहा कि सहनशीलता का गुण हर भारतवासी में भरा पड़ा है। भारत में विभिन्न देशों से लोग आकर रहे। उस समय भी भारतवासियों ने उनको देश में जगह दी। उन्होंने कहा कि असहनशीलता भारत की आत्मा की पहचान नहीं है।


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